चितई मंदिर ट्रस्ट को लेकर हाई कोर्ट ने जिलाधिकारी अल्मोड़ा,सचिव पर्यटन और मैनेजमेंट कमेटी से मांगा जवाब

चितई मंदिर ट्रस्ट

uttarakhand high court

चितई मंदिर ट्रस्ट को लेकर दायर याचिका पर न्यायालय ने की सुनवाई

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चितई मंदिर ट्रस्ट को लेकर हाईकोर्ट ने मांगा जबाब||high court nainital

नैनीताल,06 अगस्त 2020— चितई मंदिर ट्रस्ट को लेकर दायर याचिका में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट ने इस मसले पर अल्मोड़ा के जिलाधिकारी,सचिव पर्यटन और चितई मंदिर की नवगठित मैनेजमेंट कमेटी से दो हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है.

गौरतलब है कि चितई मंदिर को ट्रस्ट बनाये जाने के फैसले के बाद पुजारियों ने इस निर्णय को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.

चितई मंदिर ट्रस्ट
uttarakhand high court file photo

संध्या पंत की ओर से दायर याचिका में सुनवाई करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमथ और जज नारायण सिंह धानिक की खंडपीठ ने कहा अदालत ने केवल गैर धार्मिक कार्यो के लिए ट्रस्ट के गठन का निर्णय दिया था.चितई मंदिर ट्रस्ट

इस मामले में याचिकाकर्ता संध्या पंत के अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया कि सुनवाई के दौरान अदालत ने सवाल करते हुए यह भी कहा कि किस कारण से अल्मोड़ा जिला प्रशासन ने पुजारियों की नियुक्ति के लिए मैनेजमेंट कमेटी गठित की. साथ में अदालत ने इस मसले पर अल्मोड़ा के जिलाधिकारी,पर्यटन सचिव और चितई ट्रस्ट को लेकर गठित की गई मैनेजमेंट कमेटी से 2 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है.

अल्मोड़ा निवासी संध्या पंत ने याचिका दायर कर कहा था कि उनके परिवार के केशवदत्त, भोलादत्त पंत द्वारा 1919 में गोल्ज्यू मंदिर की स्थापना की. मंदिर बनाने के लिए ठेकेदार को 650 रुपये भुगतान भी किया न्यायालय के आदेश की आड़ में प्रशासन मनमानी कर रहा है.

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