नशे के खिलाफ जागरुकता अभियान में बच्चों ने उठाए ज्वलंत सवाल, कहा बुरी है तो सार्वजनिक स्थलों पर क्यों बिकती है शराब

अल्मोड़ा। सेना के गोरखाहॉल में नशे के खिलाफ आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने नशे को लेकर कई सवाल खड़े किये। उम्र में छोटे…

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अल्मोड़ा। सेना के गोरखाहॉल में नशे के खिलाफ आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में स्कूली बच्चों ने नशे को लेकर कई सवाल खड़े किये। उम्र में छोटे ​समझे जाने वाले स्कूली बच्चों ने समाज में नशे के खिलाफ चली मुहिम को समर्थन का वादा तो किया साथ ही समाज में लंबे समय से जड़े जमाकर एक प्रकार से स्वीकार्य हो चुके प्रचलित नशे को लेकर भी सवाल उठाए। बच्चों ने कहा कि शराब को बुरा कहते हुए सभी को सुना है यदि यह बुरी चीज है तो सार्वजनिक स्थानों पर क्यों बिकती है। मासूम बच्चों के ज्वलंत सवालों ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया। हालांकि उपस्थित अतिथियों ने बच्चों की जिज्ञासा को शांत किया और बताया कि समाज में प्रचलित नशे को लगातार हतोत्साहित किया जाता रहा है। जो समाज में एक प्रकार से प्रचलन में आ गए हैं उन्हें रेगुलाइजेशन और लाइसेंसिंग प्रणाली के तहत उपलब्ध कराया जाता है ताकि कोई नशे की चाहत में गलत और विषेली चीजों का सेवन न कर पाए। कर्नल हर्ष मिश्रा व एसएसपी पीएन मीणा ने बच्चों ने पर्वतीय क्षेत्र में उत्पादित की जाने वाली भांग और अन्य नशों के पदार्थों पर भी सवाल उठाए। यह कार्यक्रम सेना के गोरखाहॉल में आयोजित किया गया। जिसमें आर्मी पब्लिक स्कूल के बच्चों और शिक्षकों ने प्रतिभाग किया। 13 सिख रेजीमेंट के सीओ कर्नल हर्ष मिश्रा,लेफ्टिनेंट कर्नल सनी राठी,कैप्टन हरदीप, एसएसपी पीएन मीणा,प्रधानाचार्य सुशील जोशी, पुलिस क्षेत्राधिकारी कमल राम आर्य,नीरज भाकुनी, धीरेन्द्र कुमार पंत, शिक्षक अमित जोशी, दर्पण समिति की विभु कृष्णा, बॉडीबिल्डिंग एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरीश मल्होत्रा सहित अनेक सेना के अधिकारी और स्कूली बच्चे मौजूद थे। कार्यक्रम में दर्पण समिति के कलाकारों ने नुक्कड़ नाटक और जनगीत प्रस्तुत किए। विभु कृष्णा ने समाज में सिनेमा द्वारा परोशी जा रही प्रतिकूल संस्कृति पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि इस प्रकार की नकारात्मक चीजों को सिनेमा द्वारा हीरोइज्म के रूम में नहीं लिया जाना चाहिए।