देहरादून में शनिवार, 12 अप्रैल को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व सैनिकों और शहीदों के परिजनों के हित में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं करते हुए उन्हें नई सौगातें दीं। एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि राज्य सरकार अब 60 वर्ष से अधिक आयु के पूर्व सैनिकों और शहीदों के उन आश्रितों, जिनकी उम्र 60 साल से ऊपर है, को मुफ्त में बदरीनाथ धाम की यात्रा कराएगी। मुख्यमंत्री की यह घोषणा वहां मौजूद सभी लोगों के लिए एक भावनात्मक क्षण बन गई।
कार्यक्रम का आयोजन उपनल कर्मचारियों द्वारा किया गया था, जिन्होंने हाल ही में सरकार की ओर से अपने नियमितीकरण की दिशा में उठाए गए कदमों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। राज्य सरकार ने कुछ ही समय पहले 22 हजार उपनल कर्मियों के लिए ठोस नीति बनाने का निर्णय लिया था, जिसे लंबे समय से मांग कर रहे कर्मचारियों ने एक बड़ी राहत के रूप में देखा है।
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर यह भी बताया कि सरकार पूर्व सैनिकों की वीरांगनाओं और बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें ‘ड्रोन दीदी योजना’ के तहत ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण देने की योजना बना रही है। इससे वे स्वरोजगार से जुड़ सकेंगी और तकनीकी क्षेत्र में अपने लिए नए अवसर सृजित कर सकेंगी।
धामी ने कहा कि वे स्वयं एक सैनिक के पुत्र हैं और सैनिक परिवारों की कठिनाइयों और जीवन के संघर्षों को बहुत करीब से समझते हैं। इसी समझ के आधार पर उनकी सरकार पूर्व सैनिकों, शहीदों के परिजनों और सेवारत सैनिकों के कल्याण के लिए समर्पित भाव से काम कर रही है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि अब उपनल कर्मचारियों को मिलने वाला प्रोत्साहन भत्ता पहले की तरह तीन महीने के अंतराल में नहीं, बल्कि हर महीने दिया जाएगा। साथ ही 10 वर्ष से कम सेवा अनुभव वाले पूर्व सैनिकों को लगभग पांच हजार और 10 वर्ष से अधिक अनुभव वाले सैनिकों को लगभग छह हजार रुपए प्रतिमाह की दर से प्रोत्साहन भत्ता प्रदान किया जा रहा है।
शहीदों के परिजनों के लिए अनुग्रह राशि को भी सरकार ने बड़ा विस्तार दिया है। अब यह राशि 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपए कर दी गई है। इसके अलावा शहीद के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की प्रक्रिया को सरल बनाते हुए आवेदन की समय सीमा को बढ़ाकर पांच वर्ष कर दिया गया है।
धामी ने यह भी बताया कि हाल ही में परमवीर चक्र विजेताओं को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में भी उल्लेखनीय वृद्धि की गई है। अब यह राशि 50 लाख से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपए कर दी गई है। इसके अलावा राजधानी देहरादून के गुनियाल गांव में प्रदेश के शहीदों की स्मृति में एक भव्य सैन्य धाम का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है, जो आने वाले समय में शौर्य और बलिदान की गाथा का प्रतीक बनेगा।
मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं ने साफ कर दिया है कि राज्य सरकार न केवल सैनिकों और उनके परिवारों के प्रति संवेदनशील है, बल्कि उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए ठोस प्रयास भी कर रही है।