टनकपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रवेश द्वार की छत धराशायी, निर्माण कार्यों की खुली पोल, एक बड़ा हादसा होने से टला

टनकपुर—सहयोगी  एपीजे अब्दुल कलाम इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रवेश द्वार की छत बीती रात अचानक भरभराकर गिर गई। हादसा रात के समय होने के चलते कोई…

टनकपुर—सहयोगी 
एपीजे अब्दुल कलाम इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रवेश द्वार की छत बीती रात अचानक भरभराकर गिर गई। हादसा रात के समय होने के चलते कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ अलबत्ता एक बड़ा हादसा होने से टल गया। इधर मानसून के पहली बारिश् में ही छत क्षतिग्रस्त होने से कार्यदाई संस्था के निर्माण कार्य पर कई सवाल खड़े कर दिए।
    जानकारी मुताबिक गुरुवार की देर रात करीब 10 बजे एपीजे अब्दुल कलाम इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रवेश द्वार की छत अचानक धराशायी हो गई। कांग्रेस सरकार के समय बने टनकपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माण कार्य की मानसून की पहली बारिश ने पोल खोल कर रख दी। इंजीनियरिंग कॉलेज की यह छत पिछले दो ढाई साल से टपक रही थी। इधर जून माह में पहली बरसात शुरू होने के साथ ही छत से काफी मात्रा में पानी का रिसाव होने लगा था। लोगों का कहना है कि राजनीतिक स्वार्थ के लिए बनाई गई कॉलेज की बिल्डिंग के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया। जिसका नतीजा आज सामने है। पूर्व में कॉलेज की कक्षाएं भी पिथौरागढ़ में संचालित की जा रही थी।गैरसैंण विधानसभा सत्र के दौरान यह मामला जोर शोर से उठा जिसके बाद कॉलेज में निदेशक डा अमित अग्रवाल की नियुक्ति हुई तथा कक्षाएं शुरू करवाई गई। आलम यह है कि कॉलेज में अभी तक लैब की कोई व्यवस्था नहीं है जिसके चलते इन दिनों छात्र—छात्राओं को प्रैक्टिकल के लिए देहरादून ले जाया गया है।इधर लोगों ने कॉलेज के निर्माण कार्य की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।