चारधाम यात्रा 2025: पंजीकरण प्रक्रिया शुरू, आधार प्रमाणित रजिस्ट्रेशन अनिवार्य

चारधाम यात्रा 2025 के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो रही है, जिसमें आधार प्रमाणित पंजीकरण को अनिवार्य किया गया है। इस बार 60 प्रतिशत…

चारधाम यात्रा 2025 के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो रही है, जिसमें आधार प्रमाणित पंजीकरण को अनिवार्य किया गया है। इस बार 60 प्रतिशत पंजीकरण ऑनलाइन और 40 प्रतिशत ऑफलाइन किए जाएंगे, जिससे बिना पंजीकरण आने वाले तीर्थयात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। हरिद्वार, ऋषिकेश और यात्रा मार्गों पर पंजीकरण केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी, और यात्रा के पहले 15 दिनों तक ये केंद्र 24 घंटे खुले रहेंगे।ऑनलाइन पंजीकरण के लिए तीर्थयात्रियों को registrationandtouristcare.uk.gov.in वेबसाइट पर जाना होगा। यात्रा से पहले आधार प्रमाणित पंजीकरण अनिवार्य होगा, और रजिस्ट्रेशन के दौरान सही मोबाइल नंबर दर्ज करना आवश्यक है। श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान धामों पर दर्शन टोकन भी प्राप्त करना होगा। यात्रा मार्ग की ऊँचाई और मौसम को ध्यान में रखते हुए ऊनी कपड़े, छतरी, रेनकोट साथ रखना जरूरी होगा। पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान सटीक स्वास्थ्य जानकारी देना अनिवार्य है, ताकि किसी आपातकालीन स्थिति में बेहतर चिकित्सा सहायता मिल सके। वरिष्ठ नागरिकों को यात्रा से पहले स्वास्थ्य जांच करवाने की सलाह दी गई है, और जो तीर्थयात्री नियमित रूप से दवाइयां लेते हैं, उन्हें पर्याप्त मात्रा में दवा साथ ले जानी चाहिए।चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कई इंतजाम किए हैं। इस बार यात्रा मार्ग पर 154 एंबुलेंस, हेलीकॉप्टर और बोट एंबुलेंस की तैनाती की जाएगी। स्वास्थ्य निगरानी के लिए ई-स्वास्थ्य धाम पोर्टल को सक्रिय किया गया है। केदारनाथ में 17 बेड और बदरीनाथ में 45 बेड वाले अस्पताल संचालित किए जाएंगे, जिससे यात्रियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके। इसके अलावा, यात्रा मार्ग पर 25 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की जाएगी, ताकि जरूरतमंद यात्रियों को तत्काल चिकित्सा सहायता मिल सके।हेलीकॉप्टर यात्रा के लिए टिकट बुकिंग केवल आधिकारिक वेबसाइट heliyatra.irctc.co.in के माध्यम से ही की जा सकेगी। तीर्थयात्रियों को अनधिकृत व्यक्तियों से टिकट या दर्शन की किसी भी अन्य सेवा को खरीदने से बचना चाहिए। यात्रा मार्ग को स्वच्छ और सुरक्षित बनाए रखने के लिए श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि वे गंदगी न फैलाएं और सफाई व्यवस्था में सहयोग करें। साथ ही, वाहनों की गति सीमा का पालन करना और केवल निर्धारित स्थानों पर पार्किंग करना अनिवार्य होगा।यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की अस्वस्थता महसूस होने पर तुरंत चिकित्सीय सहायता लेने की सलाह दी गई है। अधिक ऊँचाई और ठंडे मौसम को ध्यान में रखते हुए यात्रियों को धीरे-धीरे आगे बढ़ने और बीच-बीच में विश्राम करने की सलाह दी गई है, ताकि शरीर को जलवायु के अनुसार ढलने का समय मिल सके। प्रशासन द्वारा किए गए इन इंतजामों से चारधाम यात्रा को अधिक सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

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