केंद्रीय सचिवालय सेवा के अधिकारियों ने पदोन्नति न होने पर विरोध दर्ज कराया, संसद में भी उठे सवाल

दिल्ली। दिल्ली स्थित केंद्रीय सचिवालय सेवा ‘सीएसएस’ में बड़ी संख्या में खाली पड़े सेक्शन अफसर यानी ‘एसओ’ की रिक्तियों को पदोन्नति के जरिए नहीं भरे…

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दिल्ली। दिल्ली स्थित केंद्रीय सचिवालय सेवा ‘सीएसएस’ में बड़ी संख्या में खाली पड़े सेक्शन अफसर यानी ‘एसओ’ की रिक्तियों को पदोन्नति के जरिए नहीं भरे जाने को लेकर शुक्रवार को अधिकारियों का गुस्सा फूट पड़ा। डीओपीटी सचिव के समक्ष अपनी बात रखने के लिए सैंकड़ों सीएसएस अधिकारी, नॉर्थ ब्लॉक में पहुंचे। बताया कि 2013 बैच के लगभग 1100 एएसओ, ‘सेक्शन अफसर’ बनने का इंतजार कर रहे हैं। 900 से ज्यादा ‘एएसओ’ तो ‘एसओ’ बनने की सभी शर्तें पूरी करते हैं। पदोन्नति के लिए सीएसएस फोरम (केंद्रीय सचिवालय सेवा के अधिकारियों की एसोसिएशन) लगातार आवाज बुलंद कर रही है।

जानकारी के अनुसार रक्षा मंत्रालय में सेक्शन अफसर (अनुभाग अधिकारी) के कुल 232 पद स्वीकृत हैं। इनमें से 141 पद खाली पड़े हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में सेक्शन अफसर के 41 पद हैं, जिनमें से 27 पद रिक्त हैं। एमओएसटी में 51 पद हैं। मौजूदा समय में 40 पद खाली पड़े हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय में सेक्शन अफसर के कुल 296 पद हैं। इनमें से 112 पद खाली पड़े हैं। केमिकल मिनिस्ट्री में सेक्शन अफसर के कुल पद 12 हैं, इनमें से 10 पद खाली हैं। फार्मा में सेक्शन अफसर के कुल 16 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 13 पद रिक्त हैं। शिपिंग मंत्रालय में सेक्शन अफसर के लिए स्वीकृत 37 पदों में से 26 पद खाली पड़े हैं। जल संसाधन मंत्रालय में अनुभाग अधिकारी के 69 पद हैं। इनमें से 20 पद रिक्त हैं। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में अनुभाग अधिकारी के 39 पद हैं, जिनमें से 24 पद खाली हैं। इसी तरह श्रम मंत्रालय में अनुभाग अधिकारी के कुल 79 पद स्वीकृत हैं। मौजूदा समय में 35 पद खाली हैं। विरोध दर्ज कराते हुए अधिकारियों ने कहा कि पदोन्नति की राह देखते-देखते अनेक अधिकारी रिटायर हो गए हैं। कहा कि पदोन्नति होगी तो बेरोजगार युवाओं को नौकरी मिलेगी।

वहीं कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के अलावा कई केंद्रीय मंत्री और सांसद भी इस संबंध में कार्मिक मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह से आग्रह कर चुके हैं। राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला और सुशील कुमार गुप्ता ने मौजूदा संसद सत्र में ‘एएसओ’ को पदोन्नति न दिए जाने का मुद्दा उठाया है।