सीबीएसई ने डमी स्कूलों पर कसा शिकंजा, 12वीं के छात्रों को बड़ा झटका

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने डमी स्कूलों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ा फैसला लिया है। अब वे छात्र, जो नियमित रूप से…

04 10 2022 cbse board 23118285

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने डमी स्कूलों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ा फैसला लिया है। अब वे छात्र, जो नियमित रूप से स्कूल नहीं जाते और सिर्फ नामांकन लेकर बोर्ड परीक्षा में शामिल होते हैं, 12वीं की परीक्षा नहीं दे पाएंगे। सीबीएसई ने यह कदम उन स्कूलों पर कार्रवाई करने के लिए उठाया है जो केवल कागजी तौर पर छात्रों का नामांकन करते हैं लेकिन उनकी नियमित कक्षाएं नहीं लगतीं।

पिछले साल दिसंबर में सीबीएसई ने दिल्ली, बेंगलुरु, वाराणसी, बिहार, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 29 स्कूलों में औचक निरीक्षण किया था। जांच के दौरान यह पाया गया कि कई स्कूल डमी छात्रों का नामांकन कर रहे हैं। इसके बाद दिल्ली और राजस्थान के 27 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। शिक्षा मंत्रालय पहले ही साफ कर चुका है कि डमी एडमिशन वाले स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और यह प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी।

डमी स्कूलों की अवधारणा उन छात्रों के बीच लोकप्रिय है जो इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं। ये छात्र औपचारिक रूप से स्कूल में नामांकन लेते हैं लेकिन कक्षाओं में नहीं जाते। उनकी पूरी पढ़ाई कोचिंग संस्थानों में होती है। इस वजह से स्कूलों में उपस्थिति नाममात्र की रह जाती है।

सीबीएसई ने स्पष्ट कर दिया है कि बोर्ड परीक्षा में बैठने के लिए नियमित स्कूल आना और न्यूनतम उपस्थिति पूरी करना अनिवार्य होगा। शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, स्कूलों को समय-समय पर उपस्थिति संबंधी नियमों का पालन करने के निर्देश दिए जाते हैं। यदि किसी स्कूल में गड़बड़ी पाई जाती है, तो उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है और फिर निरीक्षण के आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाती है।

डमी एडमिशन की समस्या भारत में तेजी से बढ़ रही है। कई छात्र 9वीं कक्षा से ही नियमित स्कूल छोड़कर कोचिंग संस्थानों पर निर्भर हो जाते हैं। इससे स्कूलों में शैक्षणिक माहौल प्रभावित होता है और शिक्षा की गुणवत्ता भी गिरती है। सीबीएसई अब इस प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए लगातार सख्त कदम उठा रहा है। नए नियमों के तहत स्कूलों को भी उपस्थिति नियमों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी छात्र नियमित रूप से स्कूल जाएं और शिक्षा प्रणाली को मजबूती मिले।