यहां बेजुबानों(cattle) का प्रेम देख भर आई लोगों की आंखें, अब ना कहिए नासमझ हैं ये

cattle

रानीखेत सहयोगी। बेजुबान पशुओं (cattle)को नासमझ ना समझिए जनाब यह ना केवल दिल में प्रेम व स्नेह की दुआए रखते है वरन मौका मिलते ही उसे प्रदर्शित करने से भी नहीं चूकते हैं|

यह पूरा समाचार भी पशु कहे जाने वाले उस बेजुबान(cattle) की हैं जो हमारी तरह बोल तो नहीं सकते हैं लेकिन उनकी संवेदनाए मानव से बड़ी नहीं तो कम भी नहीं हैं|

लाँक डाउन की अवधि में नगर की मां दुर्गा पूजा महोत्सव समिति गांधी चौक, आवारा घूमने वाले बेजुबान जानवरों के लिए 
समर्पित भाव से दाना पानी आदि की व्यवस्था कर रही है| इस दौरान बेजुबान भी प्रेम के खास अभिभूत हो रहे हैं।
     इसका ताजा उदाहरण तब देखने को मिला जब शुक्रवार को समिति सदस्य अंबेडकर पार्क के निकट  आवारा घूमने वाले गौवंशीय पशुओं
को चारा व दाना पानी देकर बैठे हुए थे।

समिति अध्यक्ष अजय बबली ने बताया कि इसी दौरान एक गौवंशीय  अचानक तेजी से दौड़ कर आते हुए समिति सदस्य विनय तिवारी के साथ लिपट गई और मुंह व आंखों से अपना   प्रेम व एहसास जताते रही। इस अचंभे को देख सब हतप्रभ रह गए।

लेकिन जब उन्हें पता चला कि यह बेजुबान अपना प्रेम बरसा रही है, तो सभी लोग उसे सहलाने लगे। इधर नगर में यह बात एक चर्चा का विषय बनी हुई है तथा लोग यह भी कह रहे हैं बेजुबानों में भले ही जुबान नहीं होती लेकिन उसे प्यार और अपना एहसान जताना बखूबी आता है।

बताते चलें कि समिति लाँक डाउन अवधि के दौरान बेजुवानों के लिए चारा व दाना पानी आदि की व्यवस्था कर रही है। दाना पानी मिलने से बेजुबानों (cattle)को काफी हद तक राहत मिल रही है।

अन्यथा वे सड़कों पर भूखे प्यासे रहने को मजबूर होते। समिति अध्यक्ष अजय बबली ने बताया लाँक डाउन अवधि के दौरान समिति  पिछले 54 दिनों से स्थानीय प्रशासन के सहयोग से नगर क्षेत्र में आवारा घुमने वाले गौवंशीय पशुओं के लिए चारा व दाना पानी आदि की व्यवस्था कर रही है। जिस हेतू उसे स्थानीय प्रशासन से अनुमति मिली है |

उन्होंने बताया नगर क्षेत्र में इनके अलावा आवारा कुत्ते भी हैं। उन्हें भी जन सहयोग से बिस्कुट आदि खरीद कर खिला रहे है। साथ ही बताया समिति द्वारा सेवा भाव का दायरा बढ़ाते हुए भुजान तक कर दिया है। उन्होंने उक्त कार्य में सहयोग देने हेतु उप जिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह का विशेष आभार जताया।