उत्तराखंड में पीसीएस परीक्षा में सफल रहे अभ्यर्थियों ने नकल रोधी कानून पर दिखाया अपना भरोसा, जाने क्या कहा उन्होंने

देश में सख्त नकल रोधी कानून से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और लोक सेवा आयोग की भर्तियों पर अभी युवाओं को काफी भरोसा हो गया…

Candidates who passed the PCS exam in Uttarakhand showed their faith in the anti-cheating law, know what they said

देश में सख्त नकल रोधी कानून से अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और लोक सेवा आयोग की भर्तियों पर अभी युवाओं को काफी भरोसा हो गया है। भर्ती परीक्षाओं में नकल माफिया के एक्टिव होने के वजह से और पेपर के लीक होने के वजह से सरकारी नौकरियों के चयन को लेकर युवाओं में काफी अविश्वास पैदा हो गया था।

अभ्यर्थियों का कहना है की नकल रोधी कानून लागू होने के बाद से परीक्षाओं में गड़बड़ी काफी हद तक कम हो गई है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग और लोक सेवा चयन आयोग में भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने पर प्रदेश सरकार चयन प्रक्रिया और कई भर्ती रद्द करनी पड़ी थी। नकल माफियाओं के सक्रिय होने के वजह से यह नकल रोधी सत्य कानून बनाए गए हैं जिसमें पेपर लीक होने की घटना रोकने के लिए उम्र कैद और 10 साल की सजा का प्रावधान भी बनाया गया है।

इसके साथ ही 10 करोड रुपए तक का जुर्माना लगाने की भी बात सामने आई है। अभ्यर्थी के नकल के जरिए परीक्षा पास करने पर 10 साल का प्रतिबंध लगाने का प्रावधान भी किया गया है। पीसीएस परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले अभ्यर्थियों ने देश में नकल रोधी कानून लाने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी आभार व्यक्त किया।

छात्रों ने बताई अपनी दिल की बात

मैं वर्तमान में अल्मोड़ा में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत हूं। मेरा वित्त अधिकारी के पद पर चयन हुआ है। मैं मुख्यमंत्री का धन्यवाद करना चाहूंगी, जिनकी पहल पर नकल विरोधी कानून लाया गया। इससे प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता बढ़ी है। -आयुषी जोशी, अल्मोड़ा

मेरा चयन डीएसपी के पद पर हुआ है। मैं बीटेक की छात्रा रही हूं। सख्त नकल विरोधी कानून लेकर आए। इस कानून के लागू होने से प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता आई है। परीक्षा की तैयारी में जुटे सभी अभ्यर्थियों को निश्चिंत होकर मेहनत के साथ पढ़ाई में जुट जाना चाहिए। -दीप्ति कैड़ा, देहरादून

पीसीएस परीक्षा में मेरा चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है। नकलरोधी कानून के बाद प्रतियोगी परीक्षाएं त्वरित व पारदर्शी तरीके से हो रही हैं। इस कानून ने पात्र व योग्य अभ्यर्थियों को सफल होने की गारंटी दी है। चाहे वह किसी भी जाति या वर्ग का हो या गरीब व अमीर वर्ग का हो। -अलकेश नौडियाल, अल्मोड़ा