कनाडा और ऑस्ट्रेलिया भारत के इन तीन राज्यों के छात्रों के वीजा को कर रहे हैं रिजेक्ट, जाने क्या है बड़ी वजह

पिछले जून में कनाडा की सरकार ने लगभग 700 भारतीय छात्रों को निर्वासित कर दिया था जिसमें से ज्यादातर पंजाब से थे और फर्जी प्रवेश…

People of Canada and Australia are rejecting the visas of students from these three states of India, know what is the big reason

पिछले जून में कनाडा की सरकार ने लगभग 700 भारतीय छात्रों को निर्वासित कर दिया था जिसमें से ज्यादातर पंजाब से थे और फर्जी प्रवेश पत्र के साथ देश में आए थे। यह मामला काफी बढ़ गया और भारत की ओर से अब इसमें हस्तक्षेप किया जा रहा है। इस तरह के दूसरे मामले भी अब सामने आ रहे हैं।

भारतीय छात्रों को कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में वीजा नहीं दिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में अच्छी पढ़ाई करने के पंजाब गुजरात और हरियाणा के वीजा आवेदकों को रिजेक्शन का सामना करना पड़ रहा है। इसकी वजह है कि नियमों का कड़ा पालन न करना। इस वजह से भारत के कुछ राज्य के छात्रों को कड़ी जांच का सामना भी करना पड़ रहा है।

बताया जा रहा है कि जिन देशों को लगता है की इच्छुक भारतीय सिस्टम के खिलाफ छात्र वीजा ले रहे हैं। उन पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। कनाडा में कानूनी एंट्री के बाद कोई पासपोर्ट ना होने की बात कहते हुए शरण मांग सकता है।

कनाडाई कानून में शरण चाहने वालों को उचित दस्तावेज के अभाव में तब तक वापस नहीं लौटा सकते हैं, जब तक उनके शरणार्थी आवेदन पर विचार नहीं किया जाता है।

कनाडा के लिए छात्र वीजा चाहने वालों में सबसे बड़ी संख्या में पंजाब के छात्र हैं। कनाडा में 2023 में ढाई लाख भारतीय छात्रों की वीजा में से 1.35 लाख पंजाब से थे। इस बात का कोई डेटा नहीं है कि किस राज्य में स्वीकृति दर सबसे अधिक है लेकिन यह देखते हुए कि कनाडा और ऑस्ट्रेलिया पंजाब के आवेदनों की अधिक सावधानी से जांच कर रहे हैं, यह माना जा सकता है कि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के आवेदकों को अधिक अनुकूल तरीके से देखा जाता है।

बीते साल मई में कई ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालयों ने फर्जी दस्तावेज और उच्च ड्रॉपआउट दर का हवाला देते हुए पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, गुजरात और जम्मू-कश्मीर के आवेदनों पर कार्रवाई करना बंद कर दिया था। ऑस्ट्रेलिया के गृह विभाग ने भारतीय छात्रों के चार में से एक आवेदन को ‘गैर-वास्तविक’ माना था।