बच्चों को गुदगुदी करना अक्सर एक मजेदार खेल माना जाता है, जिससे घर में हंसी-खुशी का माहौल बन जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अधिक गुदगुदी करना बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है? कई शोधों में यह बात सामने आई है कि जरूरत से ज्यादा गुदगुदी करने से बच्चों को असहजता, घबराहट और आत्मरक्षा की भावना में कमी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए माता-पिता को इस आदत के प्रति सतर्क रहने की जरूरत है।
गुदगुदी करने से बच्चे अक्सर हंसने लगते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि यह हंसी खुशी का इजहार हो। यह शरीर की एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया होती है, जो न्यूरोलॉजिकल सिस्टम से जुड़ी होती है। बार-बार गुदगुदी करने से बच्चा अपनी असली भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाता और यह उसके मानसिक विकास को प्रभावित कर सकता है। खासकर छोटे बच्चों की श्वसन प्रणाली पूरी तरह विकसित नहीं होती, जिससे ज्यादा गुदगुदी करने पर उनकी सांस फूल सकती है और घबराहट महसूस हो सकती है।
इसके अलावा, अत्यधिक गुदगुदी से बच्चों की आत्मरक्षा की भावना कमजोर हो सकती है। जब बच्चा “रुक जाओ” या “नहीं” कहने के बावजूद खुद को बचा नहीं पाता, तो धीरे-धीरे वह अपनी असहमति जताने में झिझकने लगता है। यह आदत उसके व्यक्तित्व विकास को प्रभावित कर सकती है और बड़े होने पर उसे दूसरों के प्रति अपनी असहजता जाहिर करने में परेशानी हो सकती है। कुछ बच्चों को अधिक गुदगुदी करने से डर और बेचैनी महसूस होती है। उन्हें ऐसा लगता है कि वे अपनी बॉडी पर कंट्रोल खो रहे हैं, जिससे उनमें असुरक्षा की भावना विकसित हो सकती है।
गुदगुदी करने से शारीरिक नुकसान भी हो सकता है। ज्यादा गुदगुदी करने पर बच्चे की मांसपेशियों में अनावश्यक दबाव पड़ता है, जिससे दर्द और ऐंठन की समस्या हो सकती है। मांसपेशियों की अधिक सिकुड़न उनके शरीर के सामान्य कार्यों को प्रभावित कर सकती है। इसीलिए बच्चों को हंसाने के लिए हल्के-फुल्के और मजेदार तरीकों का इस्तेमाल करना चाहिए। खेल-कूद, मनोरंजक बातें या उनकी पसंदीदा चीजों से उन्हें खुश किया जा सकता है, लेकिन जरूरत से ज्यादा गुदगुदी करने से बचना चाहिए। अगर बच्चा असहज महसूस करे तो तुरंत रुक जाना चाहिए।
गुदगुदी एक मजेदार गतिविधि जरूर हो सकती है, लेकिन जरूरत से ज्यादा और अनियंत्रित रूप से करने पर यह बच्चों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। माता-पिता को यह समझना चाहिए कि बच्चों की शारीरिक और मानसिक सेहत सबसे महत्वपूर्ण है। उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि गुदगुदी उनके लिए मजेदार अनुभव बने, न कि कोई असहज करने वाली स्थिति।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी विभिन्न शोधों और मान्यताओं पर आधारित है। उत्तरा न्यूज किसी भी दावे की पुष्टि नहीं करता। किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।