उत्तराखंड में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है, क्योंकि कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल का इस्तीफा अब आधिकारिक रूप से मंजूर कर लिया गया है। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने उनके इस्तीफे को स्वीकृति दे दी है, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि अब वे सरकार का हिस्सा नहीं रहेंगे।
प्रेमचंद अग्रवाल ने 16 मार्च, रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना इस्तीफा सौंपा था। यह फैसला तब आया जब विधानसभा के बजट सत्र के दौरान उनके एक विवादित बयान को लेकर तीखी आलोचना होने लगी। इस बयान के बाद विपक्षी दलों और जनता के बीच भारी आक्रोश देखने को मिला। पूरे राज्य में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए, जिससे सरकार पर भी इस्तीफे का दबाव बढ़ गया था।
लगातार बढ़ते राजनीतिक और जनदबाव के कारण प्रेमचंद अग्रवाल ने खुद ही अपने पद से इस्तीफा देना उचित समझा। अब उनके इस्तीफे को राज्यपाल द्वारा मंजूरी मिलने के बाद यह मामला आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया है। हालांकि, इस घटनाक्रम ने उत्तराखंड की राजनीति में नई चर्चाओं को जन्म दे दिया है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस स्थिति से कैसे निपटती है।