बुरांश सपोर्टिंग हैंड फाउंडेशन के कार्यक्रम में साहित्य के साथ ही सामाजिक मुद्दों पर भी हुई चर्चा

अल्मोड़ा:- बुरांश सपोर्टिंग हैंड फाउंडेशन के तत्वावधान में भिक्यासैण के त्रिवेणी होटल में संगोष्ठी, कवि सम्मेलन और कविता संग्रह अजातशत्रु का विमोचन किया गया। मुख्य…

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अल्मोड़ा:- बुरांश सपोर्टिंग हैंड फाउंडेशन के तत्वावधान में भिक्यासैण के त्रिवेणी होटल में संगोष्ठी, कवि सम्मेलन और कविता संग्रह अजातशत्रु का विमोचन किया गया। मुख्य अतिथि प्रोफेसर कौशल अग्रवाल , विशिष्ट अतिथि गौरीशंकर , कार्यक्रम की अध्यक्षता सुरेन्द्र ने की| संस्था के संरक्षक अध्यक्ष प्रकाश चंद भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के मुख्य कार्यधिकारी संचालक और बुरांश का विचार देने वाले हेमंत कुमार के अथक प्रयास से यह कार्यक्रम सम्पन्न हो पाया।

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इस कार्यक्रम को दो भागों में विभाजित किया गया था जिसमें प्रथम भाग में पुस्तक विमोचन और संगोष्ठी आयोजन “पठन पाठन की परम्परा और उसका विकास पर परिचर्चा” रहा। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि प्रोफेसर कौशल अग्रवाल ने अपनी बात में पढ़ने को रुचिकर बनाये जाने के प्रयास पर जोर दिया ताकि लोग सहजता से किताबों की ओर आकर्षित हों। कहा कि हमें सभी साहित्य का सम्मान करना चाहिए। विशिष्ट अतिथि गौरीशंकर ने पठन पाठन को समाज के नवाचार के लिए प्रयोग किया जाना चाहिए ताकि वैज्ञानिक चेतना का विकास हो और समाज में जाति भेद खत्म हो। श्रीमती प्रतिभा चौहान ने बालिका शिक्षा पर प्रकाश डाला और अपनी बेटी उन्नयन सीमित स्याल्दे संस्था के पठन पाठन की परम्परा की बात को रखा। साथ ही पठन पाठन के लिए अच्छे वातावरण और अच्छे साहित्य बनाने के लिए साहित्यकारों से आह्वान किया। डा. नवीन जोशी ने साहित्य और समाज की वैज्ञानिक चेतना के विकास पर विस्तृत प्रकाश डाला। श्यामसिंह ने समाज के अंदर चल रहे अनादि काल से चल रहे वर्ग संघर्ष को आज शिक्षा के माध्यम से बढाने पर बल दिया। इससे पूर्व हेमंत कुमार , मुख्य कार्यधिकारी संचालक ने विस्तार से संस्था बुरांश के विषय में बात रखी तथा संस्था के भविष्य के कार्यक्रम के बारे में बात रखी।
इसके पश्चात कविता पाठ, कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें कवि बीआर आर्या जी ने भारत की दशा पर शानदार कविता पढी, कवि शंकर बिष्ट ने श्रृंगार रस की छटा बिखेरते हुए श्रोताओं का मनमोहन दिया। कवि दिनेश मांणा ने मैं जंगली हो जाना चाहता हूँ पर जबरदस्त कविता पेश की जिसकी भूरी भूरी प्रशंसा श्रोताओं ने की तथा जम कर ताली पीटी। मुख्य अतिथि ने दिनेश माणा की कविता को सर्वश्रेष्ठ कविता घोषित भी किया। कवियत्री कमला ने स्त्री विमर्श पर गहन पीडा से सनी कविता ” मैं सदा सजाई जाती हूँ का मार्मिक पाठ किया। कवियत्री रेनू ने बालिका अधिकार पर जोरदार कविता पेश की तथा समाज के आडम्बर पर करारी चोट करती कविता का वाचन किया। कवि कृपाल सिंह सीला जी ने कुमाऊँनी भाषा के विकास पर अपनी बात रखी तथा कुमाऊँनी कविता पहाड़ की पीडा पर कविता प्रस्तुत की। कवि महेश चंद्रा जी ने मां पर कविता पाठ किया। वहीं कवि जगजीत असवाल ने गुदगदाते हुए पहाड़ी हास्य व्यंग्य पर अनेक कविता सुना कर वाह वाही लूटी। कवि अर्जुन जी ने पहाड़ी भाषा साहित्य की सेवा करते हुए उत्तराखण्ड की भाषा पहाड़ी पर कविता प्रस्तुत की। कवियत्री ममता ने गजल गा कर कवि सम्मेलन का समा बांध दिया।बाल कवि यश तिवारी ने देश भक्ति पूर्ण कविता का पाठ कर श्रोताओं में राष्ट्रवाद का नाद किया। जनकवि नवीन जोशी ने अपनी कविता जय विजय हो , गा कर सबको सम्मोहित किया।
इस प्रकार तमाम गणमान्य व्यक्तियों के बीच कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में अजय भाई, किशोर भाई ने बहुत सहयोग प्रदान किया। साथ ही कार्यक्रम में मुकेश बिष्ट, किशोर कुमार, दिनेश, गिरीश जोशी आदि अनेकों लोग उपस्थित रहे। मंच का संचालन कुमारी रेनू ने किया। अंत में सभी का आभार व्यक्त करते हुए हेमंत कुमार मुख्य कार्यधिकारी संचालक ने विश्वास दिलाया कि इसी तरह के अनेक समाज उपयोगी कार्य करते हुए बुरांश संस्था समाज के बीच सदा उपस्थित रहेगी|

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