पिथौरागढ़। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के अंतरिम बजट को अनेक लोगों ने संतुलित और समाज के हर तबके की बेहतरी वाला बताया है तो विपक्षी कांग्रेस नेता इसे चुनाव बजट कह रहे हैं। सत्ता पक्ष के लोग इसे ऐतिहासिक और संतुलित बता रहे हैं। कुल मिलाकर लब्बो-लुआब यह है कि भले आगामी लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर ही सही, यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के इस अंतरिम बजट के प्रावधान सही-सही धरातल पर लागू हुए तो समाज के बड़े हिस्से को इसका फायदा मिलेगा। बजट को लेकर पक्ष-प्रतिपक्ष, नौकरीपेशा और आम लोगों ने अपनी-अपनी राय दी है।
गृहणी पार्वती मुनौला ने कहा कि बजट में सभी का ध्यान रखा गया है। मध्यम वर्ग, मजदूर-किसान, महिलाओं और समाज के सभी तबकों के लिए कुछ न कुछ बजट में प्रावधान किया गया है। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बेहतर काम कर रही है और आगे भी करेगी।
उत्तराखंड अधिकारी-कर्मचारी समन्वय समिति के जिला मंत्री प्रदीप भट्ट ने कहा के इनकम टैक्स का दायरा बढ़ाकर केंद्र सरकार ने नौकरी पेशा लोगों और मध्यम वर्ग के लिए बहुत बढ़िया कदम उठाया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के दायरे शहरों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र को भी लिया गया है। इसके अलावा बजट में कई अन्य अच्छे प्रावधान किये गए हैं, जिन्हें धरातल पर भी ठोस तरीके से लागू करने की जरूरत होगी।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता खीमराज जोशी ने इसे चुनावी बजट बताते हुए कहा कि इसमें बेरोजगार युवाओं के लिए कोई प्रावधान नहीं है। चुनावी साल के कारण युवा, गरीबों, व्यापारियों व कर्मचारियों को बजट से कई आशाएं थीं, लेकिन हर कोई अपने को ठगा महसूस कर रहा है। बजट चुनावों को देखते हुए केवल भाजपा सरकार की जुमलेबाजी है।
वरिष्ठ बीजेपी नेता एवं पालिकाध्यक्ष पिथौरागढ राजेन्द्र रावत ने कहा कि यह ऐतिहासिक और संतुलित बजट है। राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में इसमें आज तक की सबसे धनराशि रखी गई है। किसानों, महिलाओं, कर्मचारियों और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों सहित समाज के सभी वर्गों को ध्यान रखा गया है। लोगों को जिस बजट की उम्मीद थी वैसा ही बजट सरकार ने रखा है।