दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे 8 फरवरी को घोषित हुए, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 70 में से 48 सीटें जीतकर 27 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद राजधानी में सरकार बनाने की तैयारी की है। वर्तमान में, नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर अटकलें जारी हैं। माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद, 19 या 20 फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री पद की दौड़ में रेखा गुप्ता सबसे आगे
मुख्यमंत्री पद के लिए कई नवनिर्वाचित विधायकों के नाम चर्चा में हैं, जिनमें रेखा गुप्ता का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है। यदि भाजपा दिल्ली की कमान किसी महिला को सौंपती है, तो रेखा गुप्ता इस पद की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं।
रेखा गुप्ता कौन हैं?
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: रेखा गुप्ता का जन्म 1974 में हरियाणा के जींद जिले के नंदगढ़ गांव में हुआ था। उनके पिता भारतीय स्टेट बैंक में प्रबंधक थे, जिसके चलते उनका परिवार 1996 में दिल्ली स्थानांतरित हो गया। रेखा ने दिल्ली में ही अपनी स्कूली और विश्वविद्यालयी शिक्षा पूरी की।
राजनीतिक करियर: छात्र जीवन में रेखा गुप्ता अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ीं और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की सचिव और अध्यक्ष रहीं। वह वैश्य समुदाय से ताल्लुक रखती हैं, जो दिल्ली में एक महत्वपूर्ण वोट बैंक है।
विधायक के रूप में: रेखा गुप्ता ने शालीमार बाग विधानसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ा और आम आदमी पार्टी की उम्मीदवार बंदना कुमारी को 29,595 वोटों के अंतर से हराया। इससे पहले, वह तीन बार दिल्ली नगर निगम में पार्षद रह चुकी हैं।
RSS से संबंध: बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ी रेखा गुप्ता की पृष्ठभूमि संघ की रही है, जो भाजपा में उनके प्रभाव को मजबूत बनाती है।
मुख्यमंत्री पद के लिए अन्य नामों में लक्ष्मीनगर से विधायक अभय वर्मा का भी उल्लेख हो रहा है। पूर्वांचली समुदाय से आने वाले वर्मा ने लगातार दूसरी बार लक्ष्मीनगर सीट से जीत दर्ज की है, जिससे पूर्वांचली वोट बैंक में उनकी पकड़ मजबूत मानी जाती है।
भाजपा नेतृत्व अंतिम निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद करेगा, जिसके बाद दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के नाम की आधिकारिक घोषणा की जाएगी।