अल्मोड़ा। पूर्व उपाध्यक्ष एन.आर.एच.एम. बिट्टू कर्नाटक ने कहा कि रामकृष्ण यादव उर्फ बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने एलोपैथिक चिकित्सा एवं देश में चल रहे टीकाकरण अभियान के लिये जो बयान जारी किया गया है, वह निन्दनीय है।
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कहा कि एलोपैथिक का लम्बा इतिहास रहा है, पूरे विश्व में इसी से लोगों का जीवन बचाया जाता है । इस कोरोना महामारी में हजारों हजार डाक्टर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ ने अपनी जान गवां कर मानव धर्म की सेवा की है। अभी भी सभी डाक्टर्स,पैरामेडिकल स्टाफ अपने परिवार की चिन्ता न कर महामारी का सामना कर रहे हैं तथा इनका एक मात्र लक्ष्य दिन रात नागरिकों की सेवा कर महामारी से इनके जीवन को बचाना है।
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कर्नाटक ने यह भी कहा कि जब रामदेव बीमार थे तो एलोपैथिक की शरण में गये थे। विश्व में विज्ञान,एलोपैथिक,आर्युेवैदिक तथा योग का अपना प्राचीन सभ्यता एवं विकास का इतिहास रहा है जिसकी आपस में कोई तुलना नहीं की जा सकती क्योंकि इनका अपना अपना महत्व है। रामदेव द्वारा सरकार के कोरोना प्रोटोकाल को चुनौती दिये जाने के बाद भी राज्य सरकार,केन्द्र सरकार द्वारा प्रतिक्रिया व्यक्त न किया जाना एवं व्यापारी रामदेव के विरूद्व कोई कार्यवाही न करना भी संदिग्ध प्रतीत होता है। इससे स्पष्ट है कि राज्य व केन्द्र सरकार की शह पर ही व्यापारी रामदेव ऐसा कृत्य कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि एलोपैथिक,टीकाकरण एवं सरकार के कोरोना प्रोटोकाल को चुनौती देने,कथित दुष्प्रचार वाला अभियान चलाये जाने के लिये इन पर राजद्रोह आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्यवाही की जाय । अन्यथा आम जनता को विवश होकर आन्दोलन जैसे बडे कदम उठाने को बाध्य होना पडेगा।