युवाओं ने सीखे जैव विविधता(Biodiversity) के दस्तावेजीकरण के गुर

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जीबी पंत पर्यावरण संस्थान में आयोजित हुआ जैव विविधता प्रशिक्षण(Biodiversity) शिविर

अल्मोड़ा: 03 मार्च हरित कौशल विकास कार्यक्रम के तहत एक दर्जन से अधिक युवाओं को जैव विविधता(Biodiversity) को संकलित करने के कार्य में दक्ष बनाया गया.

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वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार के इनविस सचिवालय द्वारा संचालित इस कार्यक्रम का समापन गोविंद बल्लभ पंत हिमालयी पर्यावरण एवं सतत् विकास संस्थान कोसी में हुआ.

माह फरवरी से चलाए गए इस 18 दिवसीय कार्यक्रम में युवाओं को पिथौरागढ़ के थल व बेरीनाग के सानी, बडैत और मसूरिया ग्राम सभाओं में स्थलीय प्रशिक्षण कराया गया.


स्थानीय कटारमल ग्राम क्षेत्र में भी युवाओं को गांवों की जैव विविधता को संकलित करने के गुर सिखाए गए। उत्तराखण्ड के 8 जिलों से चयनित युवाओं ने इस प्रशिक्षण में भाग लिया.

युवाओं को विभिन्न प्रकार की पौध और जीव जंतु प्रजातियों को संकलित करने और ग्रामीण जैव संसाधनों को सूचीबद्ध करने के वैज्ञानिक तौर तरीकों के बारे में बताया गया। ग्रामीणों से साक्षात्कार के आधार पर उन्होंने परम्परागत ज्ञान को भी जाना और दस्तावेजीकरण किया.

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युवाओं ने बताया कि अनेक गाॅवों में 192 से अधिक प्रजातियों तक उनकी पहुंच बनी और यह प्रशिक्षण उनके लिए अत्यंत लाभदायक रहा। समापन अवसर पर प्रो0 उमा मेलकानी ने बताया कि प्रशिक्षित युवाओं की सूची को उत्तराखण्ड जैव विविधत बोर्ड को भेजा जाएगा जिससे भविष्य में वे रिसोर्स पर्सन के रूप में इस कार्य को आगे बढ़ा सकें.

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अंतिम दिन युवाओं ने प्रस्तुतिकरण भी दिया. वैज्ञानिक डाॅ आईडी भटट, डाॅ जीसीएस नेगी, उत्तरापथ सेवा समिति मुवानी के अध्यक्ष राजेंद्र पंत, डाॅ रवींद्र जोशी, ललित पाठक, डाॅ महेशानंद कुनियाल, विपिन शर्मा, विजय बिष्ट, सहित अनेक लोग समापन अवसर पर उपस्थित थे.