बड़ी खबर: शिक्षा मंत्रालय ने बच्चों को online game के खतरों से बचाने के लिए जारी की एडवाइजरी, parents जरूर पढ़ें

Central government ने बच्चों को online game के खतरों से बचाने के लिए अभिभावकों और शिक्षकों को advisory जारी की है। इसमें game download के…

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Central government ने बच्चों को online game के खतरों से बचाने के लिए अभिभावकों और शिक्षकों को advisory जारी की है। इसमें game download के समय व्यक्तिगत जानकारी न देने और वेबकैम, निजी संदेश या online chat के माध्यम से किसी भी अजनबी से संवाद न करने की सलाह दी गई है। इसके अलावा बच्चों को online मंच पर पहचान छुपाने के लिए बदला नाम (avatar) का उपयोग नहीं करने का भी परामर्श दिया गया है।

शिक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार देर शाम सभी राज्यों, प्रदेश शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड को यह safe online game नाम से एडवाइजरी जारी की है। मंत्रालय के cyber experts का मानना है कि महामारी के कारण पिछले साल मध्य मार्च से स्कूली छात्र online classroom में पढ़ाई कर रहे हैं। इससे बच्चों द्वारा mobile और internet के उपयोग में वृद्धि हुई है।

Online की लगी लत
प्रौद्योगिकी के नए युग में online खेल बच्चों के साथ बहुत लोकप्रिय हैं। Online खेल की लत एक सामान्य कारक है। क्योंकि बच्चे किसी भी समय कहीं भी यह खेल computer, mobile या tablet में आसानी से खेल सकते हैं। ऑनलाइन गेमिंग के कई नुकसान हैं।

Cyber booking में फंस रहे बच्चे
गेमिंग कंपनियां भावनात्मक रूप से बच्चे को app खरीदने के लिए मजबूर करती हैं। अभिभावकों को जानकारी ही नहीं होती है और उनका बच्चा cyber booking में फंस जाता है। इसीलिए इस advisory के माध्यम से बच्चों को online gaming के खतरों से बचाने के लिए परामर्श दिये गए हैं। संबंधित स्कूल शिक्षकों के माध्यम से अभिभावकों और बच्चों को online gaming के खतरों से बचाव के लिए जागरूक कर सकते हैं।

परामर्श के महत्वपूर्ण बिंदु
बच्चों को समझाएं कि कभी भी game download करते समय internet पर व्यक्तिगत जानकारी न दें। वेब कैम, निजी संदेश या online chat के माध्यम से वयस्कों और अजनबियों के साथ किसी भी तरह का संवाद न करें। क्योंकि इससे online दुर्व्यवहार करने वालों से संपर्क का जोखिम बढ़ जाता है।
Online खेल के दौरान यदि कुछ गलत हुआ हो तो तुरंत रुकें और एक screenshot ले लें। इसकी पुलिस के साइबर सेल में रिपोर्ट करें।


बच्चों को ऑनलाइन मंच पर गोपनीयता बनाये रखने के लिए जागरूक करें। इस गोपनीयता का मतलब है कि उन्हें अपनी पहचान यानी अपना नाम, स्कूल का नाम, जन्मतिथि, परिवार के बारे में कोई जानकारी नहीं देनी है। बेहतर हो कि वे online platform पर अपना अकाउंट बनाने समय अपने पहचान छुपाएं। यहां पर ऐसा नाम रखें, जोकि परिवार के किसी सदस्य का न हो। इसे screen नाम कहा जाता है।
बच्चे द्वारा खेले जाने वाले किसी भी खेल की आयु रेटिंग की जांच करें।


धमकाने के मामले में जवाब न देने के लिए प्रोत्साहित करें और परेशान करने वाले संदेशों का record रखें और गेम साइट व्यवस्थापक को व्यवहार की report करें।
अभिभावक बच्चों को ऐप खरीदारी से बचाने के लिए आरबीआई के दिशा-निर्देशों के अनुसार OTP आधारित भुगतान विधियों को अपनाएं। अभिभावक बच्चों को अज्ञात वेबसाइटों से सॉफ़्टवेयर और app download न करने की सलाह दें। उन्हें वेबसाइटों में लिंक, छवियों और पॉप-अप पर click करने से सावधान रहने के प्रति भी जागरूक करें। क्योंकि उनमें वायरस होने से computer को नुकसान पहुंच सकता है।

इसके अलावा अश्लील सामग्री भी हो सकती है।
अभिभावक सुनिश्चित करें कि बच्चा परिवार में रखे computer से internet का उपयोग करता हो।
बच्चे के व्यवहार पर नजर रखें। यदि कुछ असामान्य और व्यवहार में बदलाव दिखता है तो उससे दोस्ताना तरीके से बात करके दिक्कतों को समझें।
बच्चों को समय-समय पर internet के पेशेवरों के ज़रिये जागरूक करें। यदि ऐसे कोई मामले report होते हैं तो उसके बारे में भी बताएं।