डेस्क: महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल शुक्रवार की शाम पूरा हो गया। अब तक सरकार का गठन नहीं होने के चलते मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस शुक्रवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यरी से मिलने पहुंचे। उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है( Devendra Fadnavis Resigns)इस घटना के बाद अब राज्य में राष्ट्रपति शासन के आसार बढ़ गए हैं। आ रही खबरों के अनुसार उन्होंने कहा राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है और राज्यपाल ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।
उन्होंने कहा कि वह महाराष्ट्र की जनता के आभारी हैं साथ ही सभी सहयोगी पार्टियों का भी आभार है। कहा कि पांच साल में सरकार ने काफी विकास किया। राज्य में पारर्दिशता के साथ सरकार चलाने की कोशिश की। यही कारण है कि चुनावों में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी। राज्य में भाजपा का स्ट्राइक रेट 70 फीसदी रहा। राज्य में सरकार बनाने के लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं।
कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ बैठक में सीएम के ढाई—ढाई साल के कार्यकाल पर कोई वादा नहीं किया। कहा कि हमने उद्धव के खिलाफ एक भी विरोधी बयान नहीं दिया। बातचीत कर कोई भी विवाद सुलझाया जा सकता है। ढाई साल का मुख्यमंत्री फॉर्मुला शिवसेना के लिए बहाना है। चुनाव के नतीजे आने के बाद उद्धव ठाकरे के करीबी लगातार बेवजह की बयानबाजी कर रहे हैं। फणनवीस ने कहा कि कांग्रेस के विधायकों के खरीद-फरोख्त के आरोप निराधार हैं।