उत्तराखंड की सियासत में उस वक्त हलचल मच गई जब वित्त मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। विवाद की शुरुआत विधानसभा के बजट सत्र के दौरान उनके एक बयान से हुई, जिसने पहाड़ी लोगों की भावनाओं को आहत किया। इसके बाद से लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे थे और विभिन्न संगठनों के साथ-साथ विपक्ष भी उनके इस्तीफे की मांग कर रहा था।
प्रेम चंद्र अग्रवाल ने इस्तीफे की घोषणा एक भावुक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की। उन्होंने कहा, “मैंने राज्य आंदोलन में संघर्ष किया और अपना योगदान दिया। लेकिन आज जिस तरह का माहौल बनाया जा रहा है, उससे मैं आहत हूं। मैंने उसी दिन सदन में अपने बयान पर सफाई दी थी, फिर भी इस तरह के विरोध से मैं दुखी हूं। इसीलिए मैंने इस्तीफा देने का फैसला किया है।”
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रेम चंद्र अग्रवाल भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपना इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं। बता दें कि विवादित बयान के बाद से ही उनके खिलाफ विरोध तेज हो गया था। इस बीच, प्रेम चंद्र अग्रवाल के इस्तीफे से उत्तराखंड की राजनीति में हलचल मची हुई है।
🔸कैसे हुई विवाद की शुरुआत ?
बजट सत्र के दौरान प्रेम चंद्र अग्रवाल ने पहाड़ी लोगों को लेकर एक अमर्यादित टिप्पणी की थी। इसके बाद सदन के भीतर और बाहर जबरदस्त हंगामा हुआ। विरोधियों ने इसे पहाड़ी अस्मिता पर हमला बताया और उनके इस्तीफे की मांग की।
🔸 लगातार हो रहा था विरोध
विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन होने लगे और सोशल मीडिया पर भी प्रेम चंद्र अग्रवाल के खिलाफ जबरदस्त नाराजगी देखने को मिली।
🔸 इस्तीफे के बाद आगे क्या?
प्रेम चंद्र अग्रवाल के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड सरकार के सामने अब वित्त और संसदीय कार्य मंत्रालय के नए चेहरे की तलाश होगी। इस घटनाक्रम ने राज्य की सियासत में हलचल मचा दी है। अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी किसे इस महत्वपूर्ण पद की जिम्मेदारी सौंपते हैं।