बिग ब्रेकिंग : अल्मोड़ा के दशाऊं में एसिड पीड़िता का शव पहुंचा गांव : आरोपी के खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नही

मृतका के मायके पक्ष के लोग आरोपी के खिलाफ कार्यवाही ना होने से  कहा अंतिम संस्कार तभी करेंगे जब आरोपी होगा गिरफ्तार अल्मोड़ा।। भैसियाछाना विकासखंड…

मृतका के मायके पक्ष के लोग आरोपी के खिलाफ कार्यवाही ना होने से 

कहा अंतिम संस्कार तभी करेंगे जब आरोपी होगा गिरफ्तार

अल्मोड़ा।। भैसियाछाना विकासखंड के दशौं (दशाऊं ) गांव में एसिड अटैक् में घायल हुई जया का शव उसके ससुराल पहुचं गया है।
मृतका के परिजनो और मायके पक्ष के लोगों ने प्रशासन पर एसिड अटैक के आरोपी को बचाने का आरोप लगाया है। लोगों के डर से रघुनाथ सिंह घर के अंदर बंद हो गया है। गांव के लिये एनटीडी चौकी से पुलिस फोर्स रवाना हो चुकी है।

ज्ञातव्य हो कि विगत 10 सितंबर को इसी गांव के रघुनाथ सिंह ने अपने भाई शेर सिंह के परिवार पर एसिड से हमला कर दिया था। हमले मेें शेर सिंह, जया देवी, नीमा देवी, किरन चम्याल पुत्री, हरीश चम्याल ,चांदनी चम्याल , मोहिनी देवी घायल हो गये थे। बाद में आरोपी ने खुद पर तेजाब छिडक दिया था। आरोपी कुछ दिन अस्पताल भर्ती रहा और फिर वापस अपने घर आ गया था। लोगों को आरोप है कि एक ही परिवार के सात लोगों पर हमला करने वाला आरोपी खुलेआम घूम रहा है और प्रशासन सोया पड़ा है।

एसिड अटैक में घायल शेर सिंह ने बताया कि उनका भाई रघुनाथ सिंह उनके साथ पूर्व से ही रंजिश रखता था और उसने शराब पीकर इस घटना को अंजाम दिया । उन्होने शासन प्रशासन पर कोई भी मदद नही मिलने का आरोप लगाया। इधर इस संबध जानकारी के लिये जिलाधिकारी और उप जिलाधिकारी से संपर्क किया गया तो दोनो का ही फोन रिसीव नही हुआ।
इस समय गांव में स्थिति तनावपूर्ण है। लोग रघुनाथ सिंह की गिरफ्तारी ना होने से खफा है और आरोपी के परिजनों ने उसे कमरे में बंद कर बाहर से ताला लगा दिया है।

जानिये क्या है एसिड अटैक के शिकार लोगों को राहत देने के लिये सुप्रीम कोर्ट का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में दिये आदेश में एसिड पीड़ितों को मुआवजा देने को कहा था। नौ वर्ष तक चले एक मुकदमें में जस्टिस मदन बी लोकुर की पीठ ने पीडितों के इलाज और सुविधाओं के लिए कई बाते कही थी।
हमले मे घायल हुए लोगों के देखरेख , इलाज आदि के लिये सुप्रीम कोर्ट ने एक गाइड लाइन जारी थी। कोर्ट ने निम्न दिशा निर्देश जारी किये थे।

क्या है कोर्ट के दिशा निर्देश

कोई भी अस्पताल एसिड अटैक पीडितों के इलाज को मना नही करेगें।
सरकार एसिड अटैक के शिकार हुए पीडितो राज्य की सरकार को कम से कम तीन लाख रुपये की मदद देनी होगी।
एसिड अटैक के शिकार हुए पीडितो को मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध कराना भी सरकार की ही जिम्मेदारी है।
कोर्ट ने मुफ्त इलाज की परिभाषा को स्पष्ट करते हुए कहा था कि इसमें एसिड अटैक में पीड़ित के अस्पताल के अलग कमरे, खाने और दवाइयों के साथ-साथ सर्जरी का खर्च शामिल होगा। जिसे सरकार वहन करेगी।

कोर्ट ने इसके अलावा एसिड अटैक पीड़ित को सर्टिफिकेट भी दिये जाने की बात कही थी। जिससे उसे भविष्य में सारी सुविधाएं मिल सके। कोर्ट ने कहा था कि यह सर्टिफिकेट पीड़ित की प्रा्थमिक चिकित्सा करने वाला अस्पताल द्धारा जारी किया जायेगा।

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