पशुपालकों को टेम्परेट सीजन में उगाई जाने वाली घासें दोलनी,गुच्छी,राई,ब्रोम बटर,गुणी,सीता एवं नैपीयर घास के संबंध में जानकारियां दी गई।
इस दौरान पशुपालकों को बहुवर्षीय घास की बुआई की विधि,उत्पादन में देख रेख की बारीकियों से अवगत कराया। इसके साथ ही भूटान से आए पशुपालकों को आधुनिक पशुपालन,पशुपोषण,पशुप्रबंधन और डेयरी व्यवसाय से होने वाले लाभ और पशुओं की प्रमुख बीमारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इसके बाद पशुपालकों को बहुवर्षीय घासों के मिनी किट वितरित किए। 16 सदस्यीय इस दल में 7पुरुष और 6महिलाएं शामिल थी। इस मौके पर भैसवाड़ा प्रक्षेत्र के प्रमुख डा. रामअवतार दीक्षित,पशुचिकित्साधिकारी डा. प्रतिभा सिंह,पवन कुमार उपस्थित थे।