भीमताल झील का पानी बुझा रहा जंगल की आग, पर्यटन कारोबार प्रभावित

उत्तराखंड में जंगलों की आग बेकाबू होती जा रही है और पहाड़ों पर संकट गहराता जा रहा है। कुमाऊं मंडल के जंगलों में लगी आग…

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उत्तराखंड में जंगलों की आग बेकाबू होती जा रही है और पहाड़ों पर संकट गहराता जा रहा है। कुमाऊं मंडल के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर भीमताल झील से पानी भरकर आग बुझाने में जुटे हैं, जिससे भीमताल का पर्यटन कारोबार प्रभावित हो रहा है। इससे पहाड़ों पर दोहरी मार पड़ रही है। एक तरफ प्राकृतिक संपदा जलकर राख हो रही है तो दूसरी तरफ पर्यटन कारोबार ठप होने से लोगों की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है।

गौरतलब हो, कुमाऊं मंडल में पिछले 24 घंटों में 26 स्थानों पर जंगल की आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं। आग बुझाने के लिए वन विभाग ने वायुसेना की मदद ली है। वायुसेना के हेलीकॉप्टर भीमताल झील से पानी भरकर जंगलों में आग बुझाने का काम कर रहे हैं।

हेलीकॉप्टर के लगातार भीमताल झील से पानी भरकर ले जाने से भीमताल का पर्यटन कारोबार प्रभावित हो रहा है। झील में नौकायन, पैराग्लाइडिंग, कायकिंग, जॉरबिंग जैसी गतिविधियां ठप हो गई हैं, जिससे पर्यटन कारोबारियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। शनिवार को भीमताल पहुंचे पर्यटकों को मायूस होकर लौटना पड़ा या फिर उन्हें सातताल और नौकुचियाताल का रुख करना पड़ा।

बता दें, स्थानीय लोगों का कहना है कि भीमताल झील का जलस्तर पहले ही बारिश न होने से कम हो रहा है। ऐसे में झील से पानी भरकर जंगलों में डालने से जलस्तर पर और असर पड़ेगा।

प्रदेश में नवंबर 2023 से अब तक 575 से ज्यादा जगहों पर जंगल की आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें करीब 690 हेक्टेयर वन संपदा जलकर राख हो गई है। पर्यटन कारोबारी सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं। उनका कहना है कि जंगल की आग बुझाना जरूरी है, लेकिन सरकार को पर्यटन कारोबार और उनकी आजीविका का भी ध्यान रखना चाहिए।