Lok Sabha Elections 2024: चुनाव से पहले भाजपा नेता प्रहलाद गुंजल ने छोड़ा मोदी का साथ, कहा, “याचना नहीं अब रण होगा”

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजस्थान में भी उथल-पुथल मची हुई है जहां कांग्रेस के बड़े नेता बीजेपी में शामिल हो…

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजस्थान में भी उथल-पुथल मची हुई है जहां कांग्रेस के बड़े नेता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। वहीं भाजपा में भी इधर-उधर हलचल मची हुई है। इस बार लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के कई बड़े नेताओं ने मोदी का साथ छोड़ दिया है। पहले चूरू के सबसे बड़े भाजपा नेता राहुल कस्वा ने बीजेपी को छोड़ा अब वसुंधरा खेमे के बड़े भाजपा नेता प्रहलाद गुंजल ने भी बगावत शुरू कर दी है। ऐसा कहा जा रहा है कि प्रहलाद गुंजल ने टोंक लोकसभा सीट से टिकट की मांग की है लेकिन शायद उनकी बात नहीं बन पाई है।

आपको बता दे कि प्रहलाद गुंजल ने सोशल मीडिया एक्स पर अपनी बगावत दिखाई जहां बीजेपी के प्रत्येक नेता ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया पर अपने नाम के साथ मोदी का परिवार टैग किया उसे प्रहलाद गुंजल ने हटा दिया।

प्रहलाद गुंजल ने इसके साथ ही एक पोस्ट भी शेयर किया जिसमें उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर की कविता याचना नहीं अब रण होगा को पोस्ट किया। इस कविता में उन्होंने अपने मन की बात कही है।

प्रहलाद गुंजल सालों से वसुंधरा राजे के करीबी नेता माने जाते हैं हालांकि उनकी अदावत ओम बिरला से काफी समय से चली आ रही है। उन्होंने कहा कि प्रहलाद गुंजल ने टोंक सीट से बीजेपी का टिकट मांगा था लेकिन वह टिकट उन्हें नहीं मिला जिसके बाद उन्होंने ओम बिरला को कोटा, बूंदी सीट से खुली चुनौती देने की तैयारी कर ली यह भी कहा जा रहा है कि टोंक सीट पर उनकी बात नहीं बन पाई। इसलिए उन्होंने कांग्रेस में जाने का फैसला किया उनकी कांग्रेस से बात हो चुकी है। अब वह जल्दी ही कांग्रेस ज्वाइन करेंगे और कांग्रेस उन्हें कोटा सीट से प्रत्याशी घोषित करेंगे।

अगर प्रहलाद गुंजल कोटा सीट से चुनाव लड़ते हैं तो ओम बिरला के लिए यह बड़ी चुनौती हो सकती है क्योंकि प्रहलाद गुंजल गुर्जर समाज से हैं और कोटा सीट पर गुर्जर वोट बैंक काफी बड़ा है। जबकि प्रहलाद गुंजल पुराने नेता हैं और कोटा से विधायक भी रह चुके हैं। हालांकि साल 2023 में कोटा सीट से उन्हें कांग्रेस के शांति धारीवाल से महज ढ़ाई हजार वोटों से हारना पड़ा था। प्रहलाद गुंजल का नाम गुर्जर आंदोलन में भी आता है।