SC Judgement On Tiger Safari:सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में बाघ सफारी पर बैन लगा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने जिम कॉर्बेट में अवैध निर्माण, पेड़ों की कटाई की अनुमति देने के लिए उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री रावत पूर्व प्रभागीय वन अधिकारी को जमकर डांट लगाई है।सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि नौकरशाहो, राजनेताओं ने सार्वजनिक विश्वास सिद्धांत को आड़ में रखकर इसका फायदा उठाया है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में कुछ स्थानों पर बाघ सफारी करने पर अब सैलानियों की रोक लगा दी है। कोर्ट ने अपने फैसले में यह साफ तौर पर कहा कि राष्ट्रीय वन्य जीव संरक्षण योजना इलाकों से परे वन्य जीव संरक्षण की जरूरत को पहचानती है। इस आदेश के आने के बाद अब केवल जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के परिधि और बफर जोन में बाघ सफारी करने पर छूट दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कॉर्बेट में अवैध निर्माण पेड़ों की कटाई की अनुमति देने के लिए उत्तराखंड के पूर्व वन मंत्री रावत पूर्व प्रभागीय वन अधिकारी को जमकर फटकार भी लगाई है।
कॉर्बेट में अवैध निर्माण, पेड़ों की कटाई
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि नौकरशाहों राजनेताओं ने सार्वजनिक विश्वास सिद्धांत को दरकिनार कर दिया है और इन सब सिद्धांतों को कचरे में फेंक दिया है। जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में टाइगर सफारी योजना पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर वकील गौरव कुमार बंसल का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को अपने द्वारा दी गई जांच पर एक अंतरिम रिपोर्ट प्रदान करने का निर्देश भी दिया है।
इसके अलावा, SC ने यह भी निर्देश दिया है कि सफारी बफर एरिया में हो सकती है या नहीं। फिर SC का कहना है कि जहां तक टाइगर रिजर्व में सफारी के कॉन्सेप्ट का सवाल है तो SC की गठित कमेटी इस पर गौर करेगी और वही शर्तें लगाएगी।