बाल वैज्ञानिकों के आविष्कार को सलाम, शराब पीने के बाद चलने से इंकार कर देगा वाहन, हर आविष्कार में जुड़ी है पहाड़ की जरूरत

एडम्स इंटर काँलेज में बालवैज्ञानिकों ने लगायी है प्रदर्शनी, ध्वनि से पैदा हो रही है बिजली वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें   अल्मोड़ा-:…

एडम्स इंटर काँलेज में बालवैज्ञानिकों ने लगायी है प्रदर्शनी, ध्वनि से पैदा हो रही है बिजली

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अल्मोड़ा-: एडम्स इंटर काँलेज में चल रही राज्य स्तरीय विज्ञान प्रदर्शनी में वाल वैज्ञानिकों के आविष्कार जनसरोकारों को दर्शा रहे हैं | बाल वैज्ञानिक भले ही उम्र में छोटे हों लेकिन समाज की जरूरतों का ध्यान इनके दिल में है तभी तो ध्वनि से बिजली पैदा करने की खोज, सीवरेज का वैज्ञानिक ट्रीटमेंट, रोबोटिक हैंड, और वाहनों के लिए एल्को सैंसर जैसे आविष्कार यहां दिख रहे हैं | इसके अलावा अन्य जनपयोगी माँडल लेकर भी छात्र पहुंचे हैं|


बाल वैज्ञानिकों ने दिखा दिया है कि अगर आप में हुनर हैं तो सफलता आपके कदम चूमेगी| अल्मोड़ा में राज्य स्तरीय विज्ञान महोत्सव का आयोजन चल रहा हैं| जिसमें राज्य के सभी 13 जिलों के स्कूली बच्चे शिरकत कर रहे हैं. जिसमें स्कूली बच्चों ने रोबोट सहित शराब पीकर वाहन चला रहे वाहन में एल्कों सैंसर सहित कई नये आविष्कारों के मांडल शामिल किये हैँ।

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एल्को सैंसर माँडल के साथ उधम सिंह नगर के खटीमा ब्लाँक से पहुंचे अनुज कुमार ने कहा कि शराब पीकर वाहन चलाने वालो पर उनका यह आविष्कार सार्थक साबित होगा | वहीं ध्वनि से बिजली पैदा करने वाले उत्तकाशी के सचिन साह ने कहा कि घंटी की ध्वनि से उनका माँडल बिजली पैदा करता है | यदि चार धामों व अन्य बड़े मंदिरों में यह व्यवस्था की जाय तो आसपास के गांवों को समुचित बिजली मिल सकती है |


यहां बाल वैज्ञानिकों के इस हुनर को काफी सराहा जा रहा हैं. कई विद्यालयों के बच्चे इन माँडलों को देखने पहुच रहे हैं. इन बच्चों को भी उम्मीद हैं कि इन आविष्कारों को सराहा जाने के साथ ही यह समाज के काम भी आयेंगे, इसमें बच्चों ने एल्को सैंसर, सीवरेज का वैज्ञानिक ट्रीमेंट, मल्टी फाईट टैंक, ध्वनि से विद्युत उत्पादन , रोबोटिक हैंड सहित कई नये मांडल तैयार किये हैं।
समन्वयक विनोद राठोर ने बताया कि इस विज्ञान महोत्सव में 13 जिलों के 364 स्कूली बच्चे प्रतिभाग कर रहे हैं| यहां से चयनित बच्चे राष्ट्रीय स्तर पर अपने माँडलों की प्रदर्शनी लगायेगें।
इस विज्ञान प्रदर्शनी में बच्चों का आविष्कार भले ही एक मांडल के रुप में हैं,लेकिन उनकी सोच और आकांशायें पूरी तरह वैज्ञानिक हैं|जरुरत हैं इन बच्चों को इस तरह मंच प्रदान करने व आविष्कार को अंजाम तक पहुचाने के लिए ठोस पहल की |