साथ ही उन्होंने लोक प्रकृति संस्था के बारे में कहा कि संस्था ने क्षेत्र में एक अच्छी पहल की है। इससे लोक संस्कृति के संरक्षण के साथ ही पुरानी धरोहरों को सहेजने में मदद मिलेगी। उन्होंने इसके लिए संस्था के अध्यक्ष डॉ दीपक मेहता के प्रयासों की भी सराहना की।
मेले में संस्कृति विभाग, सूचना एवं प्रसारण विभाग के सौजन्य से मल्लिका लोक कला समिति, हिमाद्री नेट, हिमालयन लोक कला केंद्र आदि सांस्कृतिक टीमें मेले में कार्यक्रम प्रस्तुत कर रही हैं। इसके अलावा क्षेत्रीय कलाकारों एवं ज्ञानोदय शिक्षा केन्द्र बासुलीसेरा सहित विभिन्न विद्यालयों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी मेले में दी। दीक्षा मॉन्टेशरी स्कूल व जीजीआईसी बग्वालीपोखर, दिव्य ज्योति पब्लिक स्कूल आदि स्कूलों के बच्चों ने भी रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये।
मेले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से मेला परिसर में ही चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध करवाई गई थी। जिसमें डॉ ललित पंत, वरिष्ठ फार्मासिस्ट गोविंद मेहता सहित स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम उपस्थित थी।
मेले में मेला समिति के अध्यक्ष सु. मेजर हरीश भंडारी, सचिव प्रमोद जोशी, कोषाध्यक्ष विनोद अधिकारी, उपाध्यक्ष रमेश नेगी, सांस्कृतिक सचिव डॉ दीपक मेहता, सन्तोष बिष्ट, पोखरम के निदेशक त्रिभुवन बिष्ट, जगत सिंह भण्डारी, जीवन अधिकारी, मोहन सिंह भण्डारी, कुंदन सिंह, लोकेश अधिकारी, वीरेंद्र सिंह, अजय नेगी, बलवीर भंडारी, अर्जुन बिष्ट, जीवन अधिकारी, शिवदत्त पांडे, भानू जोशी, डीडी जोशी, चंद्रशेखर अधिकारी, भूपाल सिंह, मनोज पांडे, मेला समिति के पूर्व अध्यक्ष हरीश भंडारी आदि लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मोहन भंडारी व डॉ. संतोष बिष्ट ने किया।
बग्वाली मेले में देर रात तक चले कार्यक्रम,खूब मचा धमाल
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