बागेश्वर (Bageshwar) में एक डॉक्टर की सेवायें समाप्त किये जाने की संस्तुति महानिदेशक स्वास्थ्य को भेजे जाने के खिलाफ डॉक्टर हड़ताल में चले गये है। बागेश्वर जिला अस्पताल में ओपीडी सेवाये ठप कर दी है।
आज जब सीएमएस का सर्जन डॉ महिमा सिंह की सेवायें समाप्त करने की सिफारिश से संबधित लैटर जारी हुआ उसके बाद से डॉक्टरों ने ओपीडी सेवा ठप कर दी। सर्जन डॉक्टर महिमा सिंह ने आरोप लगाया है कि उनका पक्ष सुने बिना इस तरह की एकतरफा कार्रवाही की गयी है।
इधर इस मामले में सीएमएस का कहना है कि एक दैनिक अखबार के रिपोर्टर ने शिकायत की थी कि डॉक्टरों द्वारा प्राइवेट लैब से जांचे करवाई जा रही हैं और इसके बाद डॉक्टर की सेवायें समाप्त किये जाने की सिफारिश का पत्र महानिदेशक स्वास्थ्य को भेजा गया है।
बताया जा रहा है कि जिला चिकित्सालय की जनरल सर्जन डा. महिमा की ड्यूटी के दौरान एक निजी लैब के कर्मचारी का जिला चिकित्सालय में मरीज का सैंपल लेते समय का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। जिसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर चिकित्सक से लिखित में स्पष्टीकरण भी मांगा गया।
यह मामला 28 सितंबर का बताया जा रहा है। महिला डॉक्टर का कहना है कि इस बीच दो बार जिलाधिकारी के कार्यालय में अपना पक्ष भी रखने गई लेकिन उन्होंने मुलाकात ही नही की। आरोप लगाया कि गांधी जयंती से एक दिन पहले सीएमएस ने न तो कोई जांच बोर्ड गठित किया और न उनका पक्ष जाना बल्कि सीधे निलंबन की सिफारिश कर दी गयी ।
इस लैटर का जैसे ही डॉक्टरो को पता चला तो उन्होने आपातकालीन सेवाओ को छोड़कर सभी सेवायें ठप कर दी। इससे अस्पताल में इलाज के लिये आये लोग परेशान है। डॉक्टर भी मरीजों की दशा देख परेशान हैं और अपनी परेशानी बता मजबूरन उन्हें इमरजेंसी में जाने की सलाह दे रहे हैं। डाक्टर महिमा सिंह का आरोप है कि घटना के तीन दिन बाद बिना कोई जांच किए इस तरह की एकतरफा कार्यवाही की गई है जबकि जबकि मरीज के तीमारदार कह रहे हैं कि उन्होंने बाहर से जांच खुद ही कराई थी क्योंकि तब तक अस्पताल की लैब तब तक बंद हो चुकी थी।