सादगी के साथ खुले भगवान बद्री विशाल(badrinath dham) के कपाट,ब्रह्ममुहुर्त में वैदिक मंत्रोचार के बीच संपन्न हुआ कपाट खोलने का आयोजन

badrinath dham

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चमोली उत्तरान्यूज: 15 मई 2020— भगवान श्री बद्रीनाथ मंदिर(badrinath dham) के कपाट शुक्रवार को शुभ मुहूर्त पर ब्रहम बेला में पूरे वैदिक मंत्रोचारण एवं विधि विधान के साथ खोल दिए गए।

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ब्रदीनाथ धाम के मुख्य रावल वीसी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने शुभ मुहूर्त में वैदिक मंत्रोचारण के साथ सुबह ठीक 4ः30 बजे मंदिर के कपाट खोलकर विधिवत पूजन करते हुए सभी के मंगलमय की प्रार्थना की।

पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई। लॉक डाउन के नियमों का पूर्ण पालन करने के बीच पूरा आयोजन बेहद सादगी पूर्ण रहा।

शुक्रवार को सुबह 3ः00 बजे से कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हुई। कुबेर जी, श्री उद्वव जी एवं गाडू घडा दक्षिण द्वार से मंदिर परिसर में पहुॅचाया गया।

कोरोना संकट के चलते इस बार कपाट खुलने के अवसर पर मुख्य मंदिर में पुजारी रावल समेत धर्माधिकारी एवं हकहकूधारी मौजूद रहे। जबकि पूरे मंदिर परिसर एवं प्रांगण में कपाट खुलने के दौरान कुल मिलाकर 28 लोग ही मौजूद थे।

सबसे पहले मंदिर में मुख्य पुजारी रावल वीसी ईश्वर प्रसाद नंबुदरी, धर्माधिकारी भूवन चन्द्र उनियाल एवं हककूकधारी ने मंदिर में दो गज का फासला रखते हुए प्रवेश किया और भगवान बद्रीनाथ की पूजा अर्चना की।

इससे पहले पूरे मंदिर परिसर को सेनेटाइज्ड किया गया और सोेशियल डिस्टेंसिंग रखते हुए मास्क पहनकर पूरे विधि विधान के साथ मंदिर के कपाट खोले गए।


कपाटोत्घाटन के मौके पर मंदिर की सजावट गेंदे के फूलों से की गई थी। बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का भी औपचारिक रूप से आगाज हो गया।


कोरोना महामारी में लाॅकडाउन के चलते इस बार बेहद सादगी पूर्वक मंदिर के कपाट खुले। धाम के कपाट खुलने के दौरान पिछले वर्षो की भांति इस वर्ष सेना का बैंड शामिल नही हो सका। स्थानीय महिलाओं का समूह में पारम्परिक नृत्य भी नही हुआ।

इस बार जिला मजिस्ट्रेट स्वाति एस भदौरिया, पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चैहान, एसडीएम अनिल कुमार चन्यिाल सहित कई आला अधिकारी भी कपाट खुलने के अवसर पर शामिल नही हो सके।

कोरोना महामारी से बचाव के तहत जारी एडवाइजरी के अनुसार फिलहाल धार्मिक स्थलों में तीर्थ यात्रियों को आने की अनुमति नहीं है। सीमित संख्या में ब्यवस्थाओं से जुड़े हुए 28 लोगों को ही बद्रीनाथ धाम में जाने की अनुमति दी गई।

बद्रीनाथ मंदिर के कपाट खुलने के समय मुख्य पुजारी रावल वीसी ईश्वर प्रसाद नंबूदरी, देवस्थानम बोर्ड के आईएफएस अधिकारी बीडी सिंह, बद्रीनाथ मंदिर के धर्माधिकारी भूवन चन्द्र उनियाल, राजगुरू जगदम्बा प्रसाद तथा हककूकधारी ही शामिल हो सके।

विगत वर्षो में लाखों श्रद्वालु बद्रीनाथ की यात्रा कर चुके है। पिछले चार सालों के आंकडो पर नजर डाले तो वर्ष 2016 में 654355, वर्ष 2017 में 920466 तथा वर्ष 2018 में 1048052 तथा वर्ष 2019 में 1244993 श्रद्वालु बद्रीनाथ पहुॅचे। लेकिन इस बार कोरोना संकट के चलते लाखों श्रद्वालुओं यात्रा नही कर पा रहे है। कोरोना महामारी पर नियंत्रण के पश्चात जल्द चारधाम यात्रा शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है।

बदरीनाथ धाम को दानी दाताओं के सहयोग से 10 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। मंदिर बिजली की रोशनी से जगमगाया था। शुक्रवार, जेष्ठ माह, कृष्ण अष्टमी तिथि, कुंभ राशि धनिष्ठा नक्षत्र, ऐंद्रधाता योग के शुभ मुहूर्त पर कपाट खुले। इस अवसर पर सीमित उपस्थिति रही। तथा शोसियल डिसटेंसिंग का पालन हुआ, मास्क पहने गये।

इस यात्रा वर्ष कोरोना महामारी के कहर का प्रभाव उत्तराखंड के चार धामों पर भी पड़ा है। बदरीपुरी में आश्रम,दुकाने, छोटे-बड़े होटल, रेस्टोरेंट,ढाबे बंद है। कपाट खुलने के बाद वेद मंत्रों की ध्वनियों से बदरीशपुरी गुंजायमान जरूर हो गयी। तथा मंदिर फूलो की सजावट के साथ बिजली की रोशनी से जगमगा रहा था ।

इस यात्रा वर्ष कोरोना महामारी को देखते हुए चार धाम यात्रा शुरू नहीं हो सकी है‌। केवल कपाट खोले गये हैं। कपाट खुलने को लेकर देवस्थानम बोर्ड ने तैयारियां पूरी कर ली थी। इसी के तहत
प्रात: तीन बजे से श्री बदरीनाथ धाम में कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू होने लगी।

देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी/ सेवादार -हक हकूकधारी मंदिर परिसर के निकट पहुंच गये। श्री कुबेर जी बामणी गांव से बदरीनाथ मंदिर परिसर में पहुंचे तो रावल जी एवं डिमरी हक हकूकधारी भगवान के सखा उद्धव जी एवं गाडू घड़ा तेल कलश लेकर द्वार पूजा हेतु पहुंचे।
श्री बदरीनाथ मंदिर के कपाट खुलते ही माता लक्ष्मी जी को मंदिर के गर्भ गृह से रावल जी द्वारा मंदिर परिसर स्थित लक्ष्मी मंदिर में रखा गया।श्री उद्धव जी एवं कुबेर जी बदरीश पंचायत के साथ विराजमान हो गये।
कपाट खुलने के पश्चात मंदिर में शीतकाल में ओढे गये घृत कंबल
को प्रसाद के रूप में वितरित किया गया।

माणा गांव द्वारा तैयार हाथ से बुने गये घृतकंबल को कपाट बंद होने के अवसर पर भगवान बद्रीविशाल को ओढ़ाया जाता है।


श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही मंदिर परिसर में स्थित माता लक्ष्मी मंदिर,श्री गणेश मंदिर, हनुमान जी, भगवान बदरी विशाल के द्वारपाल घंटाकर्ण जी का मंदिर परिक्रमा स्थित छोटा मंदिर तथा आदि केदारेश्वर मंदिर, आदि गुरू शंकराचार्य मंदिर के द्वार खुल गये।


माणा के निकट स्थित श्री माता मूर्ति मंदिर तथा श्री भविष्य बदरी मंदिर सुभाई तपोवन के कपाट भी श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही खुल गये है।प्राप्त जानकारी के अनुसार बदरीनाथ स्थित खाक चौक में हनुमान मंदिर के द्वार भी आज खुल गये है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर देश-विदेश के श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी है। उन्होंने आशा प्रकट की है कि शीघ्र कोरोना महामारी समाप्त हो जायेगी। यथा शीघ्र उत्तराखंड चारधाम यात्रा शुरू होगी तथा तीर्थ यात्री दर्शनों के लिए पहुंच सकेंगे।


प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि भगवान बदरीविशाल के कपाट खुलते ही अब उत्तराखंड के चारों धामों के कपाट खुल गये है। उचित समय पर चार धाम यात्रा भी शुरू हो जायेगी। इसके लिए वह केंद्र से भी लगातार संपर्क में हैं।


चारधाम विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ‌ममगाई‌ ने भी श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर प्रसन्नता जताई है।


पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर के अनुसार बदरीनाथ धाम के कपाट खुलते ही उत्तराखंड चारधाम के कपाट खुलने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है आगे पर्यटन-,तीर्थाटन को गति दिये जाने हेतु शासन स्तर पर निरंतर कार्य गतिमान है।


उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ/ गढ़वाल आयुक्त रमन रविनाथ ने बताया कि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के दौरान देवस्थानम बोर्ड द्वारा उच्च स्तरीय दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित किया गया।

कपाट खुलने के अवसर पर रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी सहित देवस्थानम बोर्ड के प्रभारी अधिकारी बी.डी.सिंह, नायब तहसीलदार प्रदीप नेगी, धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल,अपर धर्माधिकारी सत्यप्रसाद चमोला, थानाध्यक्ष सत्येंद्र सिंह, अभिसूचना निरीक्षक सूर्य प्रकाश शाह आदि मौजूद रहे।