Aus vs WI: ये खिलाड़ी अगर चमत्कारिक प्रदर्शन न करता तो वेस्टइंडीज़ गाबा में नहीं तोड़ पाता ऑस्ट्रेलिया का घमंड

हेमराज सिंह चौहान भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ का पहला टेस्ट मैच हैदराबाद में खेला जा रहा था। भारत समेत…

Aus vs WI If this player had not performed miraculously, West Indies would not have been able to break Australia's pride in Gabba.

हेमराज सिंह चौहान

भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ का पहला टेस्ट मैच हैदराबाद में खेला जा रहा था। भारत समेत पूरी दुनिया के क्रिकेट फैंस की नज़रें इस पर थी। इंग्लैंड की टेस्ट में बैजबॉल रणनीति भारत की स्पिन पिचों में कितनी कामयाब होगी इसका चर्चा हर तरफ़ है।

इंग्लैंड ने जिस तरह से पहली पारी में पिछड़ने के बाद दूसरी पारी में शानदार बल्लेबाज़ी की उसने उसकी इस रणनीति को साबित किया।इस टेस्ट मैच में भारत 231 रन के लक्ष्य का बचाव नहीं कर पाई और चौथे दिन दूसरी पारी में 202 रन ऑलआउट हो गई और 28 रन से पहला टेस्ट हार गई।

वहीं भारत में बिहार की सियासी घटना ने भी सबका ध्यान खींचा जहां नीतीश कुमार ने एक बार फिर से पलटी मारते हुए महागठबंधन से नाता तोड़कर दोबारा एनडीए से हाथ मिला लिया। इस बीच वेस्टइंडीज़ और ऑस्ट्रेलिया के बीच ब्रिसबेन के गाबा स्टेडियम में टेस्ट मैच खेला जा रहा था।ऑस्ट्रेलिया का इस मैदान पर शानदार रिकॉर्ड रहा है। वेस्टइंडीज़ को दो टेस्ट मैचों की सीरीज़ के पहले टेस्ट में कंगारू मात दे चुके थे और लग रहा था कि दूसरे टेस्ट में भी वो कैरिबियन टीम को आसानी से मात देकर सीरीज में मेहमान टीम का सूपड़ा साफ़ कर देंगे।


कई एक्सपर्ट वेस्टइंडीज़ की टीम तो काफ़ी कमजोर मान रहे थे, लेकिन गाबा में ऑस्ट्रेलिया का घमंड फिर से टूट गया और वेस्टइंडीज़ ने 27 साल बाद गाबा में जीत दर्ज करके इतिहास रच दिया। इस जीत के हीरो रहे शमर जोसेफ, जिन्होंने अपने दूसरे टेस्ट मैच में वो कारनामा किया जिसके बारे में किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। पहली पारी में बल्लेबाज़ी करते हुए उनके पैर के अंगूठे में चोट लग गई थी। वो एक तेज गेंदबाज़ हैं, ऐसे में जब ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए चौथी पारी में 216 रन बनाने थे तब उनका गेंदबाज़ी करना नामुमकिन लग रहा था लेकिन टीम के लिए इस खिलाड़ी ने अपनी चोट की परवाह नहीं की और घायल शेर की तरह ऑस्ट्रेलिया के सात खिलाड़ियों को अपना शिकार बना डाला।

उनकी चमत्कारिक गेंदबाज़ी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया को वेस्टइंडीज़ ने 8 रन से हराकर सीरीज़ 1-1 से बराबरी पर ख़त्म की। सोशल मीडिया में लोग इस युवा खिलाड़ी की जमकर तारीफ़ कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक जीत मिलने के बाद उन्होंने कहा कि मैंने अपने कप्तान से कहा था कि ” मैं आखिरी विकेट गिरने तक तक गेंदबाजी करूंगा। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मेरे पैर का अंगूठा कैसा है। ये बयान बताता है कि उनके लिए अपने देश के लिए खेलना कितनी बड़ी बात है। बहुत कम लोगों को पता होगा कि वो एक साल पहले तक सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करते थे। पहले टेस्ट में भी उन्होंने एक पारी में पाँच विकेट लिए थे और तब भी उनकी तारीफ़ पूरी दुनिया में हो रही थी।