24 घंटे काम के बावजूद उपेक्षा से है नाराज आशा कार्यकर्ता
पिथौरागढ़। आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा।
एक्टू से संबद्ध आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन की पिथौरागढ़ इकाई के सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर बुधवार को फिर हुंकार भरी। कहा कि सरकारी एजेंसियों के सर्वे के मुताबिक आशाओं की नियुक्ति के बाद मातृ-शिशु मृत्यु दर में भारी कमी आई है। लेकिन चौबीसों घंटे ड्यूटी करने के बावजूद केंद्र सरकार आशाओं को न्यूनतम मासिक वेतन तक नहीं दे रही है। प्रदर्शन के बाद आशा कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। ज्ञापन में 45वें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिशों के अनुरूप आशाओं को कर्मचारी का दर्जा देने, आशाओं का न्यूनतम मासिक वेतन 18 हजार करने, दैनिक कार्यों के पैसे का भुगतान जल्द करने और आशा वर्कर्स की सभी ट्रेनिंग एनजीओ से हटाकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा करवाए जाने आदि समस्याओं का समाधान करने की मांग की गई है। प्रदर्शन में जिला संयोजक इंद्रा देउपा समेत अनेक कार्यकर्ता शामिल थीं।