नई व्यवस्था लागू होने तक लटकी रहेंगी अदालतों में जजों की नियुक्तियां: केन्द्रीय मंत्री

दिल्ली। देशभर में जजों की नियुक्ति को लेकर न्यायपालिका और केंद्र सरकार के बीच चल रहा टकराव बृहस्पतिवार को राज्यसभा में पहुंच गया। केंद्रीय कानून…

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दिल्ली। देशभर में जजों की नियुक्ति को लेकर न्यायपालिका और केंद्र सरकार के बीच चल रहा टकराव बृहस्पतिवार को राज्यसभा में पहुंच गया। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि उच्च न्यायपालिका में रिक्तियों और जजों की नियुक्तियों का मुद्दा तब तक लटका रहेगा, जब तक कोई नई व्यवस्था नहीं बन जाती।

केंद्रीय मंत्री बोले, यह कहते हुए अच्छा नहीं लग रहा कि देश और सदन की जो भावना थी, उसके हिसाब से हमारे पास व्यवस्था नहीं बनी है। साथ ही कहा, जजों की नियुक्ति पर सरकार के पास सीमित अधिकार हैं। कहा कि 2015 में संसद के दोनों सदनों ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) विधेयक को मंजूरी दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कानून रद्द कर दिया।

दरअसल कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने न्यायालयों में लंबित मामलों, न्यायपालिका में नियुक्तियों और छुट्टियाें के अधिकार पर सवाल पूछा था। इस पर रिजिजू ने कहा, प्रश्न गंभीर है, सदन के साथ देश को भी चिंता करने की जरूरत है। लंबित मामलों की संख्या 5 करोड़ होने वाली है। इसका मूल कारण जजों की नियुक्ति न होना है। जजों की संख्या तय क्षमता से कम है। रिक्त पदों को भरने के लिए केंद्र के पास बहुत अधिकार नहीं हैं और उसे कॉलेजियम की ओर से सुझाए नामों पर ही विचार करना होता है। सरकार नए नाम नहीं खोज सकती है।