बहुचर्चित अंकिता भण्डारी और किरन नेगी हत्याकाण्ड के दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर जागो उत्तराखण्ड की टीम ने यहां न्याय के देवता चितई गोलज्यू मंदिर में न्याय की गुहार लगाते हुए अर्जी लगाई।
जागो उत्तराखण्ड के चीफ आशुतोष नेगी ने कहा कि तरह अंकिता हत्याकाण्ड में अब तक वीआईपी को छुपाया गया, क्राइमसीन से साक्ष्यों को मिटाकर केस को कमजोर किया गया। आरोप लगाते हुए कहा कि इससे साफ तौर पर दिख रहा है कि सरकार और पुलिस अंकिता के हत्यारों को फांसी की सजा नही दिलाना चाहती। नेगी ने कहा कि किरन नेगी हत्या मामले में निचली अदालतों में हत्यारों और बलात्कारियों को फांसी की सजा सुनाई,लेकिन सुप्रीमकोर्ट ने सभी आरोपियों को इन आरोपों से बरी किया।
नेगी ने आरोप लगाते हुए आगे कहा कि बाद में एक आरोपी ने जेल से छूटने के बाद एक आटो चालक की हत्या की। नेगी ने कहा कि ऐसे हत्यारों को समाज में खुला छोडना खतरनाक है। कहा कि सभी ओर से निराश होकर गोल्ज्यू देवता के दरबार में अर्जी लगायी गयी है। कहा कि गोल्जयू को न्याय का देवता कहा जाता है,देश-दुनिया की सबसे शीर्ष अदालत उन्हीं का दरबार है,इसलिए उन्होने यहां आकर न्याय के लिए उनका दरवाजा खटखटाया है।
जागों उत्तराखण्ड की न्याय यात्रा को समर्थन देने के लिए रूद्रप्रयाग से पहुंचे केदारखण्ड एक्सप्रेस के सम्पादक कुलदीप राणा आजाद ने कहा कि न्याय के देवता गोलज्यू पहाड़ की इन बेटियों के हत्यारों को कठोर दंड दिलाएंगे। जागो उत्तराखण्ड की टीम के साथ अक्षित बड़थ्वाल, उत्तराखण्ड क्रांति दल के यूथ संगठन भी बेटियों के लिये न्याय की अर्जी लगाने पहुँचे थे। जिनमें देवेश सेन, आशुतोष पाठक, हरीश राठौर, प्रतीक पनेरू, आनंद, राजेश भण्डारी, रजत बिष्ट शामिल थे।