सेब, कीवी, मोटे अनाज और ड्रैगन फ्रूट की खेती पर 50 से 80% तक सब्सिडी, जानिए उत्तराखंड कैबिनेट के बड़े फैसले

उत्तराखंड की धामी सरकार ने कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए एक के बाद एक बड़े फैसले किए हैं। राज्य सचिवालय में हुई कैबिनेट…

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उत्तराखंड की धामी सरकार ने कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए एक के बाद एक बड़े फैसले किए हैं। राज्य सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में किसानों को राहत देने वाली नीतियों को मंजूरी दी गई है। अब राज्य में ड्रैगन फ्रूट, कीवी, मोटे अनाज और सेब की खेती करने वालों को 50 से लेकर 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी, जिससे किसानों को सीधे फायदा मिलेगा और पहाड़ी क्षेत्रों की आर्थ‍िक स्थिति को भी मजबूती मिलेगी।

कीवी की खेती को मिलेगी नई उड़ान

राज्य में कीवी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 2030-32 तक 3300 हेक्टेयर भूमि में 33 हजार मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। फिलहाल राज्य में 682 हेक्टेयर में ही कीवी की खेती हो रही है और उत्पादन महज 381 मीट्रिक टन है। नई नीति के तहत किसानों को 50 से 70 फीसदी तक सब्सिडी दी जाएगी ताकि वे इस लाभकारी फसल की ओर आकर्षित हो सकें।

सेब के लिए ग्रेडिंग-संग्रहण इकाइयों को सब्सिडी

मुख्यमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम योजना के तहत अब सेब की तुड़ाई, उठान और ग्रेडिंग के लिए 60 फीसदी तक अनुदान मिलेगा। साथ ही, सेब को स्टोर करने के लिए अलग से इकाई बनाने और नियंत्रित वातावरण की सुविधा के लिए भी 50 प्रतिशत सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।

ड्रैगन फ्रूट की खेती में 80% तक मदद

पहाड़ों में ड्रैगन फ्रूट की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नई योजना पास की है। एक एकड़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती पर लगभग आठ लाख रुपये की लागत आएगी, जिसमें से 80 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी। यह योजना किसानों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो सकती है।

मोटे अनाज की खेती को दो चरणों में बढ़ावा

राज्य सरकार ने मोटा अनाज नीति को मंजूरी देते हुए तय किया है कि पहले चरण में 2025-26 से 2027-28 तक 24 विकासखंडों में 30 हजार हेक्टेयर में खेती की जाएगी। दूसरे चरण में 2028-29 से 2030-31 तक 44 विकासखंडों में 40 हजार हेक्टेयर में खेती की जाएगी। बीज, जैव उर्वरक, जैव कीटनाशक, जिंक और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों पर 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।

10 लाख छात्रों को मिलेंगी मुफ्त कॉपियां

कैबिनेट के फैसलों में शिक्षा क्षेत्र के लिए भी राहत है। अब राज्य के सरकारी और अशासकीय स्कूलों में पहली से 12वीं तक पढ़ रहे करीब 10 लाख छात्रों को मुफ्त कॉपियां दी जाएंगी। इससे खासतौर पर गरीब और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को मदद मिलेगी।

आपदा में अधिकारियों को बढ़े वित्तीय अधिकार

अब जिलाधिकारियों को आपदा राहत कार्यों के लिए 1 करोड़ रुपये तक खर्च करने का अधिकार होगा, जो पहले सिर्फ 20 लाख था। वहीं, मंडलायुक्त का अधिकार 1 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ कर दिया गया है, जिससे आपदा के समय त्वरित निर्णय लिए जा सकेंगे।

कैबिनेट के अन्य अहम फैसले

  • हर जिले में संस्कृत गांव विकसित करने के लिए प्रशिक्षकों को 20 हजार रुपये मासिक मानदेय मिलेगा।
  • लेखा विभाग के सभी कर्मचारी अब लेखा एवं हकदारी विभाग के अंतर्गत आएंगे।
  • यूसर्क का यूकॉस्ट में विलय किया गया है, नाम यूकॉस्ट ही रहेगा।
  • यूएस नगर के सिरौली कलां को नगर पालिका बनाने की मंजूरी दी गई।
  • उत्तराखंड आवास विकास परिषद का पुनर्गठन करते हुए पदों की संख्या 19 से बढ़ाकर 30 की गई।
  • औषधि विभाग में औषधि आयुक्त को अब औषधि नियंत्रक बनाया गया।
  • रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन अब प्रमोटर से रोड, पार्क आदि अधिग्रहण कर सकेंगी, स्टांप शुल्क में 10 हजार की छूट दी गई।
  • रिस्पना पुल से लेकर मोथरोवाला तक बाढ़ क्षेत्र अधिसूचित करने को मंजूरी मिली।
  • सिंचाई विभाग में प्रतिरूप सहायक का वेतनमान 1900 से बढ़ाकर 2400 किया गया।
  • नलकूप मिस्त्री से जेई बनने के लिए अब आईटीआई की योग्यता भी मान्य होगी।
  • सब रजिस्ट्रार अब शादी, तलाक और वसीयत का रजिस्ट्रेशन भी कर सकेंगे।
  • सीवर सफाई में दिव्यांग या मृत हुए कर्मियों के बच्चों को छात्रवृत्ति मिलेगी।
  • आईटी और आईटीडीए में पदों की संख्या 45 से बढ़ाकर 54 की गई।
  • मेगा औद्योगिक नीति को जून तक बढ़ाया गया।
  • उत्तराखंड संस्कृत विवि में अब यूसीसी का अधिनियम लागू होगा।
  • उत्तराखंड प्राइवेट सुरक्षा अभिकरण नियमावली में संशोधन किया गया।
  • पैक्स के सचिवों की सेवा के लिए नया नियमावली स्वीकृत हुई।
  • पंचम विधानसभा सत्रावसान को मंजूरी दी गई।
  • यूएस नगर में बनने वाले ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए 11 हेक्टेयर जमीन मुफ्त दी जाएगी।