Annual Scientific advisory committee meeting of GB Pant Institute
अल्मोड़ा। गोविन्द बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी-कटारमल, अल्मोड़ा में दो दिवसीय 26वीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की समीक्षा बैठक कोविड-19 महामारी को मद्देनजर रखते हुए वीडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से संपन्न हुई। कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए संस्थान के निदेशक डा0 आर0 एस0 रावल ने सभी लोगों का स्वागत करते हुए उन्हें संस्थान तथा इसकी क्षेत्रीय इकाईयों द्वारा किये जा रहे शोध एवं विकासात्मक कार्यो से अवगत कराया।
इस समीक्षा बैठक में संस्थान के चार केन्द्राध्यक्षों तथा क्षेत्रीय इकाईयों के केन्द्र प्रमुखों ने विभिन्न क्षेत्रों में किये जा रहे शोध एवं विकासात्मक कार्यो को पावर प्वाइंट स्लाईड शो के माध्यम से विस्तृत रूप से बताया तथा विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों पर किये गये शोध कार्यो से सबको रूबरू कराया। जिसमें हिमालय में जल स्थिरता का मानचित्रीकरण, आजीविका वृद्वि के लिए प्रोद्योगिकी हस्तान्तरण के माध्यम से मॉडल गॉंवों का विकास, पश्चिमी हिमालय में दीर्घकालिक पारिस्थिति निगरानी, केन्द्रीय हिमालय में जंगलों की आग, पर्यटन विकास हेतु तीर्थयात्रा क्षमता को सुदृड़ करना, ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन, संरक्षण एवं विकास के लिए जैव विविधता डेटाबेस तथा पर्यावरणीय सॉंस्कृतिक आजीविका को बढ़ाने जैसे विभिन्न ज्वलंत मुद्दों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गयी तथा अपने अध्ययन से निकले निष्कर्षो को प्रस्तुत किया।
संस्थान के शोध एवं विकास कार्यो की प्रगति की समीक्षा करते हुए वैज्ञानिक सलाहकार समिति के अध्यक्ष पद्मश्री प्रो0 बी0पी0 डिमरी ने संस्थान द्वारा किये गये कार्यो की सराहना की। सलाकार समिति के अन्य सदस्यों ने यह सुझाव दिया कि जिन परियोजनाओं में जलवायु परिवर्तन एवं ग्लोबल वार्मिंग का प्रभाव हिमालय की जैव विविधता, वन एवं जल संसाधनों पर पड़ रहा है। उनको लगातार अध्ययन करते रहना जरूरी है ताकि आने वाले समय में नीतिगत सुझाव जलवायु परिवर्तन से निपटने हेतु किये जा सके।
इस वीडियों कान्फ्रेसिंग में वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्य डा0 ए0 माओ, निदेशक, भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण संस्थान, कोलकाता, गढ़वाल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ए0आर0 नौटियाल, केन्द्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान के पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 किशोर कुमार, वन अनुसंधान संस्थान देहरादून के डा0 बाला, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो0 एस0सी0 राय आदि उपस्थित रहे। यह बैठक दो दिन चली जिसमें संस्थान के क्षेत्रीय कार्यालय लेह, कुल्लू हिमाचल प्रदेश, श्रीनगर गढ़वाल, गंगटोक सिक्किम एवं ईटानगर के क्षेत्रीय वैज्ञानिकों द्वारा अपने शोध एवं विकास परियोजनाओं की प्रस्तुति की।
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