भारत के स्वि​टजरलैंड के इस आश्रम की झां​की की यादें गणतंत्र दिवस समारोह में होंगी ताजा, गांधी जयंती के 150 वें वर्ष की थीम में हुआ इस झां​की का चयन

अल्मोड़ा। यह वहीं स्थान है जिसे महात्मा गांधी ने भारत का स्विटजरलैंट कहा था। यहां स्थित अनाशक्ति आश्रम इस बार नेशनल थीम ​बन अपनी महत्ता…

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अल्मोड़ा। यह वहीं स्थान है जिसे महात्मा गांधी ने भारत का स्विटजरलैंट कहा था। यहां स्थित अनाशक्ति आश्रम इस बार नेशनल थीम ​बन अपनी महत्ता से पूरे देश को अवगत कराएगा। बापू की कौसानी से जुड़ी यादें इस बार राजपथ पर जीवंत होनी हैे। समारोह में प्रस्तुत होने वाली झांकियों में उत्तराखंड की झांकी ‘अनासक्ति आश्रम’ का चयन इस परेड के लिए हुआ है। गांधीजी ने कौसानी यात्रा के दौरान यहां अनासक्ति योग पुस्तक की समीक्षा लिखी थी।

केंद्र सरकार के निर्देशों के क्रम में उत्तराखंड की ओर से महात्मा गांधी की कौसानी यात्रा पर केंद्रित झांकी का प्रस्ताव गणतंत्र दिवस परेड के लिए भेजा गया था। सूचना विभाग के उप निदेशक एवं राष्ट्रीय समारोह के नोडल अधिकारी केएस चौहान के मुताबिक छह दौर की बैठकों में प्रभावी ढंग से प्रस्तुतीकरण के बाद राज्य की झांकी का अंतिम रूप से चयन किया गया। झांकी का विषय ‘अनासक्ति आश्रम’ रखा गया है। गांधी जी ने वर्ष 1929 में कौसानी स्थित इस आश्रम का भ्रमण किया था। इस आश्रम का संचालन स्थानीय महिलाएं करती हैं। आश्रम को पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के रूप में विकसित किया गया है।

इस बार गणतंत्र दिवस परेड उत्तराखण्ड की ये झांकी सभी को आकर्षित करेगी। इसके लिए भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष राज्य सरकारों व केन्द्र शासित प्रदेशों, मंत्रालयों, विभागों से झांकी के प्रस्ताव आमंत्रित किये जाते हैं। इन प्रस्तावों का परीक्षण रक्षा मंत्रालय द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति द्वारा निर्धारित मानकों के आधार पर किया जाता है। वहीं अंतिम रुप से चयनित झांकियों का निर्माण भी विशेषज्ञ समिति की देखरेख में ही किया जाता है।
मालूम हो कि इस बार महात्मा गांधी की जयंती 150 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर गणतंत्र दिवस की परेड की थीम महात्मा गांधी जी पर आधारित रखी गई है। उत्तराखंड सरकार की ओर से इस झांकी के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। जिसे झांकी के लिए चुना गया है। इस बार के लिए अंतिम रूप से 14 राज्यों एवं 6 मंत्रालयों की झांकी को चयनित किया गया है।

झांकी में देवभूमि उत्तराखण्ड में कौसानी की झांकी चुनी गई, जिसको महात्मा गांधी जी ने ‘भारत का स्विटजरलैंड’ कहा था। यहां स्थित अनासक्ति आश्रम गांधी जी की यात्रा को ही जीवंत करता है। इस आश्रम में सुबह रोज सुबह व शाम प्रार्थना सभा आयोजित की जाती है। जिस झांकी को प्रस्तुत किया जाना है उसके अग्रभाग में अनासक्ति योग लिखते हुए महात्मा गांधी जी की बड़ी आकृति को दिखाया गया है। इसके अलावा बीच में कौसानी स्थित अनासक्ति आश्रम को दिखाया गया है। आश्रम के दोनों ओर पर्यटक योग व अध्ययन करते हुए नागरिकों व पण्डित गोविन्द बल्लभ पंत को महात्मा गांधी से वार्ता करते हुए दिखाया गया है।