राजस्थान की श्रीगंगानगर में आठवीं फेल पिता और उसके 12वीं पास बेटे ने कमाई का ऐसा रास्ता ढूंढा कि हर कोई उसे सुनकर हैरान हो रहा है। दोनों ने देश के 15 राज्यों के साढे तीन लाख लोगों को झांसे में लिया और ₹10000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा ठगी की।
आरोपी लाजपत आर्य नायक और उसके एक बेटे दीपक को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। लाजपत का दूसरा बेटा अभी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। आरोपी जागरूकता सेमिनार आयोजित करते थे और लोगों को साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय बताते थे। शेयर मार्केट में सुरक्षित निवेश के तरीके भी यह लोग बताते थे। इसके बदले 15 से ₹20000 फीस लेकर ट्रेनिंग देते थे। लोगों का भरोसा जीतने के बाद उन्होंने अपने दूसरे एप कैपमोर एफएक्स पर निवेश करवाते थे और ठगते थे।
लाजपत आठवीं फेल झोलाछाप डॉक्टर है। उसका बेटा 12वीं पास है। 10 साल पहले दोनों मजदूरी करते थे अब इनके पास लग्जरी कारों का जमावड़ा लग गया। उनकी श्री गंगानगर से लेकर जयपुर तक कई कोठियां भी बन गई। झोलाछाप डॉक्टर लाजपत और उसके बेटे दीपक के पास आज 200 करोड़ से भी ज्यादा की संपत्ति है।
दस साल में दोनों ने हजारों करोड़ ठगी से कमाए हैं। ठगी के राज पर पर्दा पड़ा ही रहता। अगर कर्नाटक के कट्टपा बाबू श्री गंगानगर के सदर थाने में साढे चार करोड़ की ठगी का केस इन बाप-बेटे के खिलाफ दर्ज नहीं करवाते। श्री गंगानगर पुलिस नेइस शिकायत की जांच की तो 75 खाते सामने आए जिनमें करोड़ों का लेनदेन मिला।
एक खाता ऐसा मिला जिसकी स्पैम की 67 हजार शिकायत दर्ज मिलीं। जांच में आगे पता चला कि 15 राज्यों में 3.50 लाख शिकायतें इनकी साइबर ठगी की मिली है। बाप बेटे की इस गैंग ने 10000 करोड़ से ज्यादा लोगों को ठगा है। इस गैंग में भी चार लोग और शामिल है जो फरार है।
झोलाछाप डॉक्टर बलजीत मास्टर ट्रेनर का काम करता था और कमाने के तरीके बताता था। उसका 12वीं पास बड़ा बेटा अजय मास्टर माइंड है। कैपमोर एफएक्स कंपनी का एमडी है। बीकॉम पास सौरभ सेमिनारों में कैपमोर सॉफ्टवेयर की डिटेल समझाता था और लोगों को निवेश के बारे में बताता था।
सौरभ की पत्नी सलौनी भी ट्रेनिंग देती थी। मीठी-मीठी बातों से निवेशकों को जाल में फंसाती थी। सोशल मीडिया ट्रेनर कर्मजीत टिचेबल और कैपमोर का सोशल मीडिया पर कैंपेनिंग करता था।