स्वारीगाड़ में बनेगा 85 मीटर लंबा अत्याधुनिक पुल,गंगोत्री यात्रा होगी और भी सुगम

उत्तराखंड के गंगोत्री हाईवे पर स्वारीगाड़ में जल्द ही एक अत्याधुनिक पुल का निर्माण शुरू होगा। इसके लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने सीमा सड़क…

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उत्तराखंड के गंगोत्री हाईवे पर स्वारीगाड़ में जल्द ही एक अत्याधुनिक पुल का निर्माण शुरू होगा। इसके लिए वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने सीमा सड़क संगठन (BRO) को मंजूरी दे दी है। 85 मीटर लंबा यह डबल लेन स्टील गार्डर पुल 2013 की केदारनाथ आपदा में बह गए पुल की जगह लेगा और गंगोत्री धाम की यात्रा को और सुगम बनाएगा।

गौरतलब हो, 2013 की विनाशकारी केदारनाथ आपदा में गंगोत्री हाईवे पर स्वारीगाड़ के ऊपर बना पुल भी बाढ़ के पानी में बह गया था। उसके बाद BRO ने आवाजाही को सुचारू रखने के लिए एक अस्थायी वैली ब्रिज का निर्माण किया था। इसी पुल के निर्माण के दौरान एक दुखद घटना में BRO के एक कैप्टन की पुल के स्टील के नीचे आने से मौत हो गई थी, जिनकी स्मृति में वहां एक स्मारक भी बनाया गया है।

आपदा के 11 साल बीत जाने के बाद भी स्वारीगाड़ में एक पक्के पुल की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। स्थानीय लोगों और तीर्थयात्रियों की इसी मांग को देखते हुए BRO ने स्वारीगाड़ में पक्के पुल के निर्माण का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था, जिसे अब वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है।

बता दें, BRO के कमांडर विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि स्वारीगाड़ में 85 मीटर लंबे स्पान के डबल लेन स्टील गार्डर पुल निर्माण का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह पुल अत्याधुनिक तकनीक से बनाया जाएगा और इसकी डिजाइन इस तरह की होगी कि यह भविष्य में आने वाली किसी भी आपदा का सामना कर सके। पुल के निर्माण के लिए जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और इसके पूरा होने पर गंगोत्री धाम जाने वाले तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को काफी सुविधा होगी।

इस पुल के निर्माण से न केवल आवागमन सुगम होगा, बल्कि क्षेत्र के विकास को भी गति मिलेगी। स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, यह पुल सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह क्षेत्र भारत-चीन सीमा के नजदीक है। इस पुल के निर्माण से उत्तराखंड के विकास और गंगोत्री यात्रा की सुगमता में एक नया अध्याय जुड़ेगा।