एंबुलेंस वालों को मिल रहा है रोज 25 से 30 लोगों का टारगेट, एक केस पर मिलते हैं ₹4000, जाने क्या है यह फर्जीवाड़ा

लखीमपुर खीरी में 108, 102 एंबुलेंस सेवा में फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक केस पर एंबुलेंस कंपनी को सरकार से ₹4000 मिलते हैं।ऐसे में प्रत्येक…

Ambulance workers are getting a target of 25 to 30 people daily, they get ₹4000 for one case, know what is this fraud

लखीमपुर खीरी में 108, 102 एंबुलेंस सेवा में फर्जीवाड़ा सामने आया है। एक केस पर एंबुलेंस कंपनी को सरकार से ₹4000 मिलते हैं।ऐसे में प्रत्येक एंबुलेंस चालक एम्टी को रोज 25 से 30 केस करने का टारगेट मिल रहा है और जो लोग अपना टारगेट पूरा नहीं करते हैं उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाता है। मजबूरी में कर्मचारी यह गड़बड़ी कर रहे हैं।

सेवा से निकल जाने के लिए कर्मचारी शासन प्रशासन में शिकायत भी कर रहे हैं और इसकी जांच करने के लिए भी मांग कर रहे हैं।

निकाले गए कर्मचारी कैप्टन संदीप बाबू, पंकज कुमार, अतुल कुमार आदि ने शासन के साथ ही डीएम को संबोधित शिकायती पत्र एसडीएम को सौंपा है। कहां जा रहा है कि एंबुलेंस सेवा प्रदाता जीवीके कंपनी कर्मचारियों पर केस बढ़ने का दबाव भी बना रही है। और ऐसा न करने पर कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया जाता है। मजबूरन कर्मचारियों को फर्जी आंकड़ा पीसीआर पर चढ़ाना पड़ता है।

सबसे ज्यादा फर्जी केस हॉस्पिटल से घर जाने वाले मरीजों के नाम पर किया जाता है। दर्ज होने वाले अधिकांश मोबाइल नंबर भी फर्जी हैं। एक ही मरीज को कई बार अस्पताल में दिखाया जाता है। अस्पताल के रजिस्टर से मरीज कब आया और उसका मिलान किया जाए तो लगभग सभी फर्जी हैं।

कर्मचारियों ने जांच कराकर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की। कैप्टन संदीप बाबू ने बताया कि जिले के 100 कर्मचारी ऐसे हैं, जो गड़बड़ी का विरोध करते थे, जिनको कंपनी ने निकाल दिया है।

जनपद में 108 102 की 90 एंबुलेंस मौजूद है। इसमें चार एंबुलेंस एलएस है। यह एंबुलेंस मरीजों को अस्पताल लाने ले जाने का काम करते हैं। 90 एंबुलेंस में करीब 360 कर्मचारी तैनात है। एक एंबुलेंस में चालक और एमटी यानी दो कर्मचारी होते हैं। प्रत्येक टीम 12 घंटे की ड्यूटी करती है।

शिवेंद्र कुमार, जिला प्रभारी, 108, 102 एबुलेंस सेवा का कहना है कि शिकायत करने वाले सेवा से बर्खास्त कर्मचारी हैं, जो गलत तरीके से आरोप लगा रहे हैं। एबुलेंस में किसी भी प्रकार का फर्जी डाटा नहीं चढ़ाया जाता है।