अर्से से बंद है पहाड़ की यह दवा कंपनी, सड़कों पर उतरे कर्मचारियों ने पकड़ी अनशन की राह

Newsdesk Uttranews
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फैक्ट्री बंद हो जाने से नाराज श्रमिकों का गुस्सा फूटा, शुरू किया क्रमिक अनशन

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अल्मोड़ा। पहाड़ में स्थापित दवा कंपनी आल्पस के श्रमिकों द्धारा फैक्ट्री के संचालन किए जाने के लिए किए जा रहे आंदोलन के बाद मिले आश्वाशनों की अवधि सोमवार को पूरी हो गई। पातालदेवी में स्थित इस कंपनी के सैकड़ों कर्मचारी कई महिने से बेरोजगार हो गए हैं |आवश्वाशनों के बावजूद उस पर कोई कार्रवाई नहीं होने से नाराज कर्मचारियों ने सोमवार से गांधीपार्क चौघानपाटा क्रमिक अनशन शुरू कर दिया हैं।
इस दौरान आंदोलित कर्मचारियों ने कहा कि आज धरने को ग्यारहवें दिन बीत जाने के बाद भी शासन—प्रशासन की तरफ से उनकी मांगों पर कोई कार्यवाही नही हुई है। जिससे ​कर्मिकों में आक्रोश व्याप्त हैं। सभी ने अब आंदोलन को और अधिक तेज करने की बात कही। वक्ताओं ने कहा कि वित्त मंत्री व स्थानीय विधायक द्वरा जो एक सप्ताह का समय दिया गया था वह समय आज पूरा हो गया है। जिस कारण से श्रमिकों ने आज से ​क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। उन्होंने शीघ्र मांगों पर सकारात्मक कार्यवाही करने की मांग की है। पहले दिन क्रमिक अनशन पर हेम चंद्र गुरूरानी, देवकी नंदन पांडे, प्रकाश भंडारी, दीपा पांडे, सरस्वती देवी आदि बैठे। इधर डीसीबी अध्यक्ष ललित लटवाल ने भी धरना स्थल पर जाकर कर्मचारियों से वार्ता की और कर्मचारियों की समस्याओं को अपने स्तर से भी सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। इस मौके पर भूपेंद्र शैली, प्रदीप कुमार, नवीन बुधौड़ी, विनोद चंद्र तिवारी, सुनील जोशी, ममता भंडारी, सीमा आर्या, हेमा बिष्ट, हेमा नयाल, शांति कनवाल, किरन साह, चंपा साह रहे। कर्मिकों को समर्थन देने वालों में ललित लटवाल, त्रिलोचन जोशी, मनोज सनवाल, राजू गिरी, हर्ष कनवाल, दिनेश जोशी, पंकज वर्मा, विनीत बिष्ट, कमला जोशी आदि मौजूद थे।

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