हवालबाग के ज्ञान विज्ञान चिल्ड्रेंस एकेडमी में बच्चे सीख रहे कंप्यूटर
जब उत्तरा न्यूज की टीम हवालबाग के ज्ञान विज्ञान चिल्ड्रेंस एकेडमी पहुंची तो आंखें खुली की खुली रह गईं। स्कूल की कंप्यूटर लैब में एक-दो नहीं, बल्कि पूरे 18 कंप्यूटर कतार में लगे हुए थे, और हर कंप्यूटर के सामने बच्चे ध्यान से पढ़ाई कर रहे थे। पहाड़ के एक गांव में बच्चों को ऐसा डिजिटल माहौल मिलते देखना वाकई चौंकाने वाला था।
अल्मोड़ा से 15 किलोमीटर दूर, शहर जैसी सुविधाएं
ये स्कूल अल्मोड़ा मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर है। गांव के बच्चों के लिए इस तरह की सुविधा जुटाना आसान नहीं था, लेकिन स्कूल के प्रधानाचार्य अशोक पंत ने हार नहीं मानी। उन्होंने धीरे-धीरे स्कूल को इस मुकाम तक पहुंचाया जहां अब बच्चे कंप्यूटर जैसे ज़रूरी विषयों में भी हाथ आजमा रहे हैं।
तकनीकी शिक्षा को मिल रहा बढ़ावा
अशोक पंत बताते हैं – “आज के जमाने में तकनीक की समझ जरूरी है। अगर बच्चों को अभी से कंप्यूटर से जोड़ा नहीं गया, तो वो आगे चलकर बहुत पीछे रह जाएंगे।” यही सोचकर उन्होंने कंप्यूटर शिक्षा को स्कूल का अहम हिस्सा बनाया।
एनजीओ की मदद से बदली तस्वीर
इस डिजिटल बदलाव में अल्मोड़ा के दिनेश मेहता और उनका कंप्यूटर शिक्षा एनजीओ भी बड़ी भूमिका निभा रहा है। एनजीओ की मदद से स्कूल को कंप्यूटर जैसे संसाधन मिले हैं और बच्चों को बेहतर तकनीकी शिक्षा दी जा रही है। अशोक पंत मानते हैं कि ऐसी साझेदारी गांव के बच्चों के लिए वरदान जैसी है।
गांव में भी अब उड़ान भरने को तैयार हैं बच्चे
ज्ञान विज्ञान चिल्ड्रेंस एकेडमी अब सिर्फ एक स्कूल नहीं, बल्कि डिजिटल क्रांति की एक मिसाल बन चुका है। यहां पढ़ने वाले बच्चों को देखकर तो यही लगता है।
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