अल्मोड़ा:: चीर बंधन के साथ ही खड़ी होलियों का आगाज, जिले में विभिन्न स्थानों पर होली महोत्सव शुरू

अल्मोड़ा:: रंग एकादशी के साथ ही अल्मोड़ा में खड़ी होली गायन कार्यक्रम शुरू हो गया है, रविवार को रंग घोलने व उसे चढ़ाने के बाद…

अल्मोड़ा:: रंग एकादशी के साथ ही अल्मोड़ा में खड़ी होली गायन कार्यक्रम शुरू हो गया है, रविवार को रंग घोलने व उसे चढ़ाने के बाद चीर बंधन का कार्यक्रम किया गया।
अल्मोड़ा के श्री भुवनेश्वर महादेव कर्नाटक खोला, हवालबाग के सकार,जागेश्वर धाम सहित चीर बंधन की अनिवार्यता के बाद होली शुरू करने वाले समस्त स्थानों में खड़ी होलियों की औपचारिक शुरूआत हो गई है।
कर्नाटक खोला के वरिष्ठ होल्यार बिट्टू कर्नाटक ने बताया कि कुमाऊं होली में चीर या निशान बन्धन का विशेष महत्व माना जाता है। ‌ बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर एकादशी के शुभ मुहूर्त में गणेश पूजन के बाद विधि-विधान से चीर बन्धन किया जाता है। चीर बांधने के साथ ही होलियारों द्वारा खड़ी गायन होली का शुभारंभ किया जाता है। इस अवसर पर कुमाऊं में पदम (पंय्या) की बड़ी शाखा को जमीन पर पेड़ की तरह लगाकर चीर बन्धन किया जाता है। इसके लिए प्रत्येक घर से नये कपड़े के रंग बिरंगे टुकड़े चीर के रूप में लेकर बांधा जाता है।
उन्होंने बताया कि इस समय कैलै बांधी चीर हो रघुनंदन राजा तथा सिद्धि को दाता गणपति बांधी चीर जैसी होली गायी जाती है। कुमाऊं में चीर हरण की परम्परा है । दूसरे गांव, मोहल्ले के लोग इस चीर को चुराकर अपने यहां ले जाते हैं तो अगली होली से इस स्थान की होली में चीर बन्धन की परम्परा स्वत: समाप्त हो जाती है। इसलिए चीर को हरण होने से बचाने के लिए इसकी रक्षा की जाती है। जिसके लिए रात्रि में होली गायन कार्यक्रम किया जाता है और होलिका दहन के दिन इस चीर का भी विधिवत दहन किया जाता है।
श्री कर्नाटक ने कहा कि मोहल्ला कर्नाटक खोला अल्मोड़ा में चीर बंधन कार्यक्रम प्राचीन समय से आयोजित किया जाता रहा है जो आज भी जारी है। श्री कर्नाटक ने बताया कि आज इस शुभ अवसर पर श्री भुवनेश्वर महादेव मंदिर कर्नाटक खोला में गणेश पूजन के बाद विधि-विधान से चीर की पूजा अर्चना कर चीर बन्धन किया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप आचार्य बृजेश पांडे, मुख्य जजमान मोहन चंद्र कर्नाटक, देवेन्द्र कर्नाटक, हंसा दत्त कर्नाटक, लीलाधर काण्डपाल,पूरन चंद्र तिवारी, रमेश चंद्र जोशी, अनिल जोशी, गौरव कांडपाल जीवन तिवारी सहित अनेकों स्थानीय निवासी उपस्थित रहे।

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