अल्मोड़ा, 14 मार्च 2021- बजेला ग्राम सभा मे बाल लोक पर्व फूलदेई (Phool dei) हर्षोल्लास से मनाया गया।
उत्तराखंड के लोकपर्वों को पुनर्परिभाषित करते हुए उन्हें नया संदर्भ देने की राजकीय प्राथमिक विद्यालय की परिपाटी रही है। जिसके अंतर्गत प्रकृति और संस्कृति के पर्व हरेला, अन्न-धन के पर्व घी-संग्रांद और बाल-रचनात्मकता को फूलदेई (Phool dei) के साथ विकसित करने का सफल प्रयोग बच्चों के साथ लंबे समय से किया जा रहा है।
शिक्षक भाष्कर जोशी ने बताया कि इस वर्ष कोरोना के कारण फूलदेई (Phool dei) का कार्यक्रम स्कूल बंद होने के कारण समुदाय के साथ मिलकर किया। बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए तदुपरांत माता अभिभावकों ने फूलदेई पर आधारित दीवार पत्रिका का प्रकाशन किया। प्रकृति संरक्षण और प्रकृति की उपयोगिता बताता यह बाल पर्व अनूठा है जहाँ बड़े बच्चों से आशीर्वाद प्राप्त करते है।
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शिक्षा में यह मौका बाल रचनात्मकता Phool dei को बढ़ाने का है इसी उद्देश्य से बच्चों ने जैविक पदार्थ जैसे पुराने अखबार कागज गत्ते से बहुत सुंदर फूलों की टोकरियां बनाई और उन्हें सजाया, सभी बच्चों ने अपनी अपनी टोकरियों में विभिन्न प्रकार के फूल जैसे बुराँश, प्योली, आड़ू, मेहल, बासिंग इत्यादि से सजाई, क्योंकि यह बाल पर्व समुदाय के साथ मिलकर आयोजित किया था इसीलिए अभिभावकों ने भी प्रकृति संरक्षण के लिए वचन लिया बच्चों द्वारा फूलदेई पर बनाई दीवार पत्रिका का अवलोकन किया।