अल्मोड़ा:: जापानी पद्धति फारेस्ट बाथ से रूबरू हुए स्कूली बच्चे

  अल्मोड़ा, 03 अगस्त 2021— वसुंधरा पर्यावरण संरक्षण एवं जन कल्याण समिति अल्मोड़ा के तत्वाधान में चल रही 5 दिवसीय स्वास्थ्य शिक्षा पर कार्यशाला मंगलवार…

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अल्मोड़ा, 03 अगस्त 2021— वसुंधरा पर्यावरण संरक्षण एवं जन कल्याण समिति अल्मोड़ा के तत्वाधान में चल रही 5 दिवसीय स्वास्थ्य शिक्षा पर कार्यशाला मंगलवार को संपन्न हो गई। 

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय नई दिल्ली के एनसीएसटीसी द्वारा वित्त पोषित इस कार्यशाला में डिजिटल संसाधनों का उपयोग करके स्वास्थ्य और विज्ञान साक्षरता में सुधार के लिए विज्ञान का संचार परियोजना के अन्तर्गत चलाई गई।

 जिसमें हवालबाग ब्लॉक के चार गॉवों- हवालबाग, उडियारी, ज्योली तथा पॉखुडा से लगभग दो दर्जन छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला में सभी प्रतिभागियों को स्वास्थ्य शिक्षा तथा स्वास्थ विज्ञान प्रसार पर विभिन्न संस्थाओं से जुडे़ वैज्ञानिकों, चिकित्सकों तथा विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियॉ प्रदान की गई। 

कार्यक्रम में गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान कोसी कटारमल अल्मोंड़ा के वैज्ञानिक डॉ0 विक्रम सिंह नेगी  ने पादप जैव विविधता के तत्वों जैसे कि औषधीय पादप जंगली खाद्य पादप तथा पांरपरिक अनाज के बारे मे जानकारी देते हुए स्वास्थ्य लाभ में उनकी उपयोगिता पर प्रतिभागियों को वृहद जानकारी दी। वहीं संस्थान से जुड़े डॉ0 रविन्द्र जोशी ने स्वास्थ तथा विज्ञान साक्षरता के मूलभूत पहलुओं तथा उनकी उपयोगिता  के बारे में जानकारी दी। 

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डॉ0 जोशी ने बिमारियों के कारक तथा उनकी रोकथाम कैसे की जाए, पर ज्ञान साझा किया। डॉ0 मेहेन्द्र सिंह ने कोविड-19 आपदा उसके प्रसार के कारण तथा उसके रोकथाम के उपायों के बारे में जानकारी दी तथा बताया की कैसे इस आपदा को हम मिलकर हरा सकते है।
बंशुधरा पर्यावरण संरक्षण एवं जन कल्याण समिति अल्मोड़ा के हिमांशु जोशी ने स्वास्थ तथा उसके आयामों के बारे में जानकारी दी तथा बताया कि ठोस अपशिष्ट पदार्थों को कैसे हम प्रबंधन कर सकते है।

 उन्होंने साफ-सफाई का महत्व बताते हुए स्वच्छ जल तथा स्वास्थ भोजन की जॉच तथा उनकी उपयोगिता के बारे में जानकारी दी। कार्यशाला के दौरान सभी प्रतिभागियों को पर्यावरण संस्थान के सूर्य-कुंज में हर्बल गार्डन का भ्रमण कराया गया जहॉ औषधीय पादपों तथा उनकी स्वास्थ्य लाभ में उपयोगिता पर विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। 

सूर्य-कुंज में प्रतिभागियों को फॉरेस्ट बॉथ (एक जापानी पद्धति शिन-रिन योकू) जो कि प्रकृति से जुड़कर अपने मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ बनाने की एक तकनीक है, से एक अवगत  कराते हुए उसका अभ्यास भी कराया।  पर्यावरण संस्थान के  शोधार्थी कुलदीप जोशी ने फोटोग्रफी के माध्यम से स्वास्थ्य व विज्ञान प्रसार करने की तरीकों को साझा किया 

अल्मोड़ा के पूर्व सीएमओ डॉ0 आरएस साही ने कार्यशाला का समापन करते हुए सभी से स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए किये जा सकने वाली बातों तथा व्यवहारों को बताया । डॉ0 साही ने पौथोजॉली विज्ञान तथा तकनीक के बारे में भी प्रतिभागियों को जानकारी दी। कार्यशाला में विक्रम नेगी,अजय सिंह मेहता तथा रवि पाठक आदि ने सहयोग किया।