Almora- दिनेश मानसेरा के मीडिया सलाहकार की नियुक्ति रद्द होने को बताया पंजाबी समाज का अपमान

27 मई 2021 अल्मोड़ा (Almora)। वरिष्ठ पत्रकार दिनेश मानसेरा की मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार के रूप में नियुक्ति रद्द करने पर उत्तरांचल पंजाबी महासभा ने…

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27 मई 2021

अल्मोड़ा (Almora)। वरिष्ठ पत्रकार दिनेश मानसेरा की मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार के रूप में नियुक्ति रद्द करने पर उत्तरांचल पंजाबी महासभा ने गहरी नाराजगी जताई है।


यहां एक बैठक में उत्तरांचल पंजाबी महासभा के जिलाध्यक्ष कपिल मल्होत्रा ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार दिनेश मानसेरा की मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार के रूप में नियुक्ति रद्द कर मुख्यमंत्री ने पंजाबी समाज का अपमान किया है।


मल्होत्रा ने कहा कि भाजपा सरकार पंजाबी समाज की लगातार उपेक्षा कर रही है। और पंजाबी महासभा के व्यक्ति को महत्वपूर्ण दायित्व सौंपने के बाद कुछ लोगों के कहने पर मुख्यमंत्री ने नियुक्ति को रद्द करके एक बार फिर साबित कर दिया कि भाजपा सरकार पंजाबी समाज की विरोधी है।


मल्होत्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपने मीडिया सलाहकार के रूप में उत्तरांचल पंजाबी महासभा की कोर कमेटी के सदस्य एवं वरिष्ठ पत्रकार दिनेश मानसेरा की नियुक्ति 17 मई को की थी और पदभार ग्रहण किये बिना ही 19 मई को उनकी नियुक्ति रद्द कर दी गयी। कहा कि यह न सिर्फ दिनेश मानसेरा का अपमान है बल्कि पंजाबी समाज का भी अपमान है। कहा कि भाजपा सरकार में पंजाबी समाज लम्बे समय से खुद को उपेक्षित महसूस कर रहा है।


मल्होत्रा ने कहा कि पंजाबी समाज के पांच विधायक होने के बावजूद भाजपा सरकार में उन्हें कोई सम्मानजनक पद नहीं दिया गया है। और जबकि वरिष्ठ पत्रकार दिनेश मानसेरा को सम्मान से नवाजा जा रहा था तो उसे भी रद्द कर दिया गया। मल्होत्रा ने कहा कि दिनेश मानसेरा एक प्रतिभावान, अनुभवी और जनसेवा को समर्पित पत्रकार हैं और उनकी प्रतिष्ठा को चंद चाटुकारों और राजनैतिक महत्वकांक्षाएं रखने वाले व्यक्तियों के बहकावे में आकर धूल धुसरित करने का काम किया है।


कहा कि दिनेश मानसेरा की पत्रकारिता उत्तराखण्ड के विकास और सकारात्मक सोच वाली रही है और उन्होंने हमेशा निष्पक्ष और निर्भीकता के साथ पत्रकारिता करते मीडिया जगत में एक अलग पहचान बनायी है।

कहा कि जनता की समस्याओं से पत्रकारिता के माध्यम से जुड़े दिनेश मानसेरा जनता की नब्ज पहचानते हैं जिस अनुभव का लाभ मुख्यमंत्री को मिल सकता था लेकिन कुछ लोग मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को सफल मुख्यमंत्री के रूप में स्थापित नहीं होने देना चाहते है शायद यही वजह है कि षड्यंत्र रचकर ऐसी परिस्थिति पैदा कर दी कि दिनेश मानसेरा ने खुद ही पद भार ग्रहण करने से मना कर दिया।

मल्होत्रा ने कहा कि ये मुख्यमंत्री की असफलता के साथ साथ पंजाबी समाज के सिरमौर दिनेश मानसेरा का ही अपमान नहीं है बल्कि इससे पूरे पंजाबी समाज का अपमान हुआ है क्योंकि भाजपा सरकार ने पांच विधायक पंजाबी समाज से होते हुए भी उनमें किसी को न तो मंत्रीमंडल में शामिल किया न ही प्रतिष्ठित पंजाबी नेताओं या कार्यकर्ताओं को भाजपा संगठन या सरकार में उचित स्थान ही दिया है।

मल्होत्रा ने कहा कि अब पंजाबी समाज को स्वयं ही निर्णय लेना पड़ेगा कि जिस पार्टी को अपने खून पसीने से सींचकर सत्ता के शिखर तक पहुंचाया है उसी ने पूरे पंजाबी समाज को अनदेखा कर चापलूसों को अपने सिर माथे बिठाया है। मल्होत्रा ने कहा कि भविष्य में 2022 के विधानसभा चुनाव में पंजाबी समाज भी अपने हितों को ध्यान में रखकर उसी राजनैतिक दल को समर्थन देगा जो उसके हितों की रक्षा का वायदा करेगा।


मल्होत्रा ने कहा कि अल्मोड़ा में जब पहली बार जनसंघ के पहले विधायक 1954 में गोविंद सिंह बिष्ट बने थे तब अटल बिहारी वाजपेयी अल्मोड़ा आये थे तब उनकी सभा को कोई स्थान न मिलने पर पंजाबी समाज के स्व0 खूब चन्द धवन ने अपने घर के दरवाजे खोले थे। और अटल बिहारी बाजपेई ने कार्यकर्ताओं के साथ उनके घर में बैठक की थी। अटल जी का रात्रिभोज व विश्राम भी उनके घर में ही किया गया था। ओम प्रकाश नज्जौन के सौजन्य से कार्यक्रम ने मिष्ठान वितरण का प्रबंध किया गया था।

बैठक में पंजाबी महासभा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष बंसी लाल कक्कड़, ओम वोहरा, बलबीर राज धवन, तरुण धवन सहित ​आदि लोग मौजूद रहे।

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