इस दुराचारी को अंतिम सांस तक रहना होगा जेल में, विशेष सत्र न्यायाधीश ने सुनाया अहम फैसला, पीड़िता के पुनर्वास के लिए 7 लाख रुपए देने के आदेश भी दिए

अल्मोड़ा :- दुराचार के मामले में निर्णय सुनाते हुए विशेष सत्र न्यायाधीश डा. ज्ञानेन्द्र कुमार शर्मा ने अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, अभियुक्त…

अल्मोड़ा :- दुराचार के मामले में निर्णय सुनाते हुए विशेष सत्र न्यायाधीश डा. ज्ञानेन्द्र कुमार शर्मा ने अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, अभियुक्त जगदीश राम को अंतिम सांस तक जेल में रहना होगा, न्यायालय ने अभियुक्त पर पांच हजार का जुर्माना भी लगाया साथ ही धारा 363 के तहत सात साल की सजा व 10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा से दंडित किया है |
अभियोजन कहानी के अनुसार 28 जुलाई 2018 को पीड़िता अपने घर में थी, रात को शौच के लिए बाहर आई गांव का ही जगदीश राम जबरदस्ती उसका हाथ पकड़ उसे अपने आंगन में बने जानवरों को बांधने की जगह ले गया, उसने पीड़िता का मुंह बांध दिया, इस बीच उसकी नानी ने उसे पीड़िता को छोड़ने को कहा लेकिन अभियुक्त पीड़िता को जबरदस्ती जंगल की ओर ले गया, इस बीच पीड़िता के परिजन खोजबीन में जुटे रहे और 30 जुलाई को उन्होंने पुलिस में शिकायत की, इस बीच चौराहे में उन्हें पीड़िता मिल गई जिसने आपबीती सुनाई और पुलिस के सामने कहा कि अभियुक्त उसे अपने साथ जंगल ले गया और बहलाफुसला कर उससे दुराचार किया |
मामले का विचारण विशेष सत्र न्यायालय में चला, जहा दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर न्यायालय ने अभियुक्त को धारा 376 में आजीवन कारावास की सजा व 5 हजार के अर्थदंड से दंडित किया वहीं धारा 363 में सात साल की सजा व 10 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई, इस अर्थदंड की धनराशि में 10 हजार रुपये पीड़िता को देने के आदेश के साथ ही न्यायालय ने पीड़िता के पुनर्वास के लिए 7 लाख रुपए देने के आदेश राज्य सरकार को दिए|
अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता गिरीश फुलारा, सहायक शासकीय अधिवक्ता शेखर चन्द्र नैलवाल व विशेष लोक अभियोजक भूपेन्द्र जोशी ने प्रबल पैरवी की और न्यायालय में 8 गवाह प्रस्तुत किये| निर्भया प्रकोष्ठ की अधिवक्ता अभिलाशा तिवारी ने भी पैरवी में सहयोग दिया |