Almora news-घूमने आया था परिवार के साथ, मिल गया मुकदमा… लेकिन आखिर मिला इंसाफ

Binsar Tourist Case: Mahesh Verma Gets Justice from Almora Court अल्मोड़ा।जरा सोचिए… आप परिवार के साथ पहाड़ों में घूमने निकले हों, मन शांति की तलाश…

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Binsar Tourist Case: Mahesh Verma Gets Justice from Almora Court

अल्मोड़ा।
जरा सोचिए… आप परिवार के साथ पहाड़ों में घूमने निकले हों, मन शांति की तलाश में हो और वहां आपको मुकदमा झेलना पड़ जाए — तो कैसा लगेगा? कुछ ऐसा ही हुआ हरियाणा के हिसार से आए महेश चंद्र वर्मा के साथ।

वो जून 2023 में अपने परिवार — तीन महिलाओं और दो बच्चों — के साथ बिनसर घूमने आए थे। उन्होंने इंटरनेट पर एक रिज़ॉर्ट देखा — इत्तमीनान लॉज प्राइवेट लिमिटेड, जो वेबसाइट पर बताया गया कि बिनसर में है। उन्होंने ऑनलाइन बुकिंग कर दी, और निकल पड़े पहाड़ों की ओर।

पहुँचे कहीं और, बताया गया कहीं और

जब वो लोग बताए गए पते पर पहुंचे, तो पता चला कि वो जगह बिनसर नहीं बल्कि चलनीछीना है — यानी जहां रिज़ॉर्ट है, वो असल में बिनसर नहीं है। अब कोई भी होता तो परेशान होता। महेश वर्मा ने इसका विरोध किया — लेकिन मामला और बिगड़ गया।

रिज़ॉर्ट के मैनेजर ने पुलिस बुला ली। आरोप लगाए कि वर्मा ने गाली दी, धमकी दी और उनका मोबाइल तोड़ दिया। फिर दन्या थाने में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा दिया गया — धारा 504, 506 और 427 में।

कोर्ट में चला मामला, लेकिन सामने आई सच्चाई

मामला पहुंचा अदालत में। अभियोजन पक्ष ने छह गवाह पेश किए — मैनेजर, कर्मचारी, रिसेप्शनिस्ट वगैरह। लेकिन जब अदालत ने पूछा कि क्या ये जगह बिनसर में है, तो किसी के पास पक्की जानकारी नहीं थी।

उधर, महेश वर्मा की तरफ से वकीलों ने दिखाया कि वेबसाइट पर ग़लत जानकारी दी गई थी और बिनसर के नाम पर गुमराह किया गया। उन्होंने ये भी बताया कि वर्मा ने खुद पुलिस को लिखित शिकायत दी थी, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इतना ही नहीं, एफआईआर की तहरीर एक दिन बाद लिखी गई, जबकि घटना पहले की थी — ये भी अदालत में सामने आया।

जज ने कहा – आरोप साबित नहीं होते

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दयाराम ने तमाम दस्तावेज और गवाहों के बयान देखने के बाद साफ कहा कि अभियोजन आरोपों को साबित नहीं कर पाया। लिहाज़ा, महेश वर्मा को दोषमुक्त किया जाता है।

महेश वर्मा बोले – परेशान हुए, लेकिन इंसाफ मिला

फैसले के बाद महेश वर्मा ने कहा, “हरियाणा से अल्मोड़ा आकर बार-बार पेशी पर आना आसान नहीं था। बहुत टेंशन झेलनी पड़ी, लेकिन कोर्ट ने सच्चाई को पहचाना — मुझे न्याय मिला।”

उन्होंने ये भी कहा कि सरकार और पर्यटन विभाग को ऐसी वेबसाइट्स पर नजर रखनी चाहिए जो ग़लत जानकारी देकर लोगों को फंसा देती हैं।