“कोई मास्क ना पहरा होगा, होगा सिर्फ ढि़ढौरा होगा” अल्मोड़ा में (Kavya Gosthi) काव्य गोष्ठी में कवियों ने छोड़े व्यंग्य बाण

Kavya Gosthi

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अल्मोड़ा, 25 अप्रैल 2021- अल्मोडा शहर की साहित्यिक सभा “छन्जर सभा” के तत्वावधान में एक वर्चुअल काव्य गोष्ठी (Kavya Gosthi) आयोजित की गई जिसमें छन्जर सभा से जुड़े कवियों ने अपनी कविताओं का सस्वर पाठ किया ।

काव्य गोष्ठी (Kavya Gosthi) की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि रंगकर्मी व अभिनेता त्रिभुवन गिरी महाराज ने की और मुख्य अतिथि उपस्थित रूप में प्रोफेसर कवयित्री, गीतकार दिवा भट्ट उपस्थित रहीं गोष्ठी का संचालन नीरज पंत ने किया।

Kavya Gosthi का प्रारंभ डॉ धाराबल्लभ पांडेय ने बढ़ते कोरोना संक्रमण से पृथ्वी को बचाने के लिए महाकाल की प्रार्थना से किया “हे महाकाल अब विश्व धरा पर आओ, इस महारोग से इस धरा को बचाओ”

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वरिष्ठ कवयित्री सेवानिवृत्त प्रधानाचार्या नीलम नेगी ने कोरोना संक्रमण से ग्रसित होने से पश्चात कोरंटीन होते हुए अपने अनुभवों को कविता के माध्यम से कुछ इस प्रकार व्यक्त किया … कोरोना की भयावहता से, सबको आगाह कराते कराते, फंस गई खुद, कोरोना के मकड़जाल में मैं।

“शार्दूल विक्रीडितम्” राजकीय इंटर कालेज हवालबाग में संस्कृत प्रवक्ता के पद पर आसीन मोती प्रसाद साहू ने संस्कृत में काव्य पाठ कर सबको संस्कृत के महत्व से अवगत कराया
अल्मोड़ानगरे प्रतिष्ठितथले माता तु नन्दा स्थिता।
सा पूज्या कुल चंदवंशज नृपै: राजन्ति देव्यालये।।
अष्टम्या: शुचि भाद्रशुक्ल दिवसं मेलापकायोजनम्
देवीयं गिरि- नन्दिनी भगवती कुर्वन्तु रक्षा सदा।।

अध्यापिका मीनू जोशी ने वर्तमान परिस्थितियों में अपने उदगारों को कुछ इस प्रकार से व्यक्त किया…
“मानव की महत्वाकांक्षा की,
पराकाष्ठा का परिणाम कम करने,
विश्व में फैली विभीषिका से ,
बेकस, बेदर बाशिंदों की ….
धूप, तुम आती रहना ।”।

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अल्मोड़ा के उभरते हुए शायर मनीष पंत ने अपनी ग़ज़ल कुछ इस प्रकार पेश की……..

ख़्वाह-मख़ा  की  जग हँसाई हो रही है
इश्क़  में  यूँ  ख़ुद – फ़नाई   हो  रही  है

हर दफ़ा तुझक
हर दफ़ा तुझको सही कहने का हासिल
आज-कल  ख़ुद  से  लड़ाई  हो  रही  है।

Kavya Gosthi का संचालन करते हुए नीरज पंत ने चुनावों में कोरोना संक्रमण के दौरान हो रही लापरवाही को एक गीत के माध्यम से कुछ इस प्रकार रेखांकित किया …..

फिर से भीड़ लग रही ऐसी
कोरोना की ऐसी तैसी
कोई मास्क ना पहरा होगा
होगा सिर्फ ढि़ढौरा होगा
फिर से बदलेगा रंग गिरगिट इस बार रे
फिर से आये हैं चुनाव इस बार रे ।

मुख्य अतिथि दिवा भट्ट ने एक गीत सुनकर खूब वाह वाही लूटी। इसके अलावा वरिष्ट कुमाउनी व्यंग्यकार डॉ. डीएस बोरा ने भी दो व्यंग्य कविताएं प्रस्तुत कीं।
Kavya Gosthi अध्यक्षता कर रहे त्रिभुवन गिरी महाराज ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण में लापरवाही न बरतने और सभी से अनुरोध किया कि घर पर ही रहें व आकस्मिकता की स्थिति में बाहर निकलते समय डबल मास्क पहने।

सभा के समापन में बिछड़े हुए प्रसिद्ध पर्यावरणविद/समाजसेवी जीवन सिंह मेहता, प्रसिद्ध साहित्यकार कवि डॉ शेर सिंह बिष्ट व वरिष्ठ कवि नवीन चंद्र त्रिपाठी अग्निहोत्री को छन्जर सभा की ओर से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

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