चिंतनीय— बारिश नहीं होने से बढ़ सकती है पेयजल किल्लत, डेढ़ दर्जन जलस्रोतों का स्राव 50 फीसदी घटा

अल्मोड़ा। पांच माह से बारिश नहीं होने का असर दिखना शुरू हो गया है। अल्मोड़ा जिले में सर्दियों में ही कई स्थानों पर पेयजल संकट…

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अल्मोड़ा। पांच माह से बारिश नहीं होने का असर दिखना शुरू हो गया है। अल्मोड़ा जिले में सर्दियों में ही कई स्थानों पर पेयजल संकट शुरु हो गया है, गुरुत्व आधारित पेयजल योजनाएं इस सूखे के चलते प्रभावित हो गई हैं। धौलादेवी, लमगड़ा,सल्ट, ताड़ीखेत ब्लाक के दर्जन भर से अधिक गांवों में ग्रामीणों ने सिर पर पानी ढोना शुरु कर दिया हैं।

मालूम हो कि पिछले 5 माह से जनपद में बारिश एक बूद भी नही गिरी, जिसका असर अब लोगों की दिनचर्या पर भी पड़ने लगा है. कई गांवों में महिलायें सिर्फ सुबह से शाम तक पानी ही ढोने में लगे रहते हैं। इस वर्ष न तो बर्फवारी हुई और न ही बारिश अब प्राकृतिक स्रोत भी सूख गये है। धौलादेवी के ​क्षेत्र पंचायत सदस्य राजेन्द्र बिष्ट ने बताया कि कुछ स्थानों पर पेयजल के लिए मारामारी होने की नौबत तक आने लगी है।
जल संस्थान भी अब बारिश नहीं होने से पैदा हुई सूखे जैसी स्थिति से निबटने की तैयारी करने में जुटा है। जलसंस्थान के अधीक्षण अभियंता केएस खाती ने बताया कि विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार धौलादेवी ब्लॉक में काभड़ी,दन्या,ध्याड़ी बसोली, सल्ट में सदर, गुलार करघेत,सतनाड़ा,इनलो, घट्टी, केसरबगड़, रानीखेत के ताड़ीखेत में नौणा,बालियाली,पिलखोली,जोग्याड़ी, खरकिया, शेर विद्यापीठ के जलस्रोतों में पचास फीसदी तक की गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में पानी की किल्लत हो रही है वहां जल निगम की निर्माणाधीन योजना या टैंकरों से गांवों में पेयजल आपूर्ति करावाने की योजना बना रहा हैं। यह पहला मौका है जब बड़ी संख्या में पेयजल स्रोतों में पानी की कमी हुई है।
इधर लोगों का मानना है कि अगर आगामी कुछ माह में बारिश नही हुई तो स्थिती और भी गंभीर हो सकती है।