बंदरों को जंगलों में ही रोकने का अनूठा प्लान, Almora के दो वनपंचायतों में हुआ काम शुरू

कोसी नदी पुनर्जनन अभियान के पहल चरण में दो वन पंचायतों से पहल शुरु कर दिया गया है। इसके तहत almora जंगलों में फलदार पौधों…

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कोसी नदी पुनर्जनन अभियान के पहल चरण में दो वन पंचायतों से पहल शुरु कर दिया गया है। इसके तहत almora जंगलों में फलदार पौधों का रोपण करने की योजना है ताकि जंगली जानवरों को जंगलों में ही रोका जा सकते, उद्यान विभाग ने आड़ू और खुबानी के पौंधे रोप इसकी औपचारिक शुरूआत कर भी दी है,

अल्मोड़ा, 18 फरवरी 2021- जंगली जानवरों को आबादी क्षेत्र की बजाय जंगलों में ही रोकने की बड़ी योजना पर अल्मोड़ा (almora) में काम चल रहा है। यहां उद्यान विभाग के साथ मिलकर दो वन पंचायतों में फलदार पौधे लगा बंदरों को जंगलों में ही रोकने की योजना है। यह योजना कारगर रही तो इसे अन्य वन पंचायतों में भी अपनाया जाएगा।

Almora
प्रतीक फोटो


बताते चलें कि Almora जिले के कोसी नदी पुनर्जनन के लिए 2017 से निरंतर पौधरोपण का कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री की मौजूदगी में 2017 में एक घंटे में डेढ़ लाख पेड़ों को रोपने का रिकार्ड बनाया था। तब से लगातार कोसी नदी के रिर्चाज जोन पर वृक्षा रोपण किया जाता है।

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इस बार अब उधान विभाग ने दो वन पंचायतों को पहले चरण में फलदार वृक्षों के रुप में विकसित करना शुरु कर दिया है।


जिलाधिकारी नितिन भदौरिया ने बताया कि ‘नगर सहित गांवों में बंदरों के आंतक से किसान परेशान है अब बंदरों को जंगलों में ही भोजन मिल जाय इसके लिए जंगलों में फलदार पौधों का रोपण किया जा रहा है।

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पहले चरण में दो ही गांवों में सर्दियों में पेड़ रोपे जा रहे है इसके बाद बरसातों में भी पेड़ रोपे जायेगे जिससे बंदर आबादी की तरफ कम-से-कम आये और किसानों की फसल को नुकसान ही हो पाये’।


मुख्य उधान अधिकारी टीएन पाण्डेय ने कहा कि ‘कोसी रिचार्ज जोंन से लगे घनेली और उडियारी वन पंचायतों में 1 हजार आडू और 1 हजार खुमानी के पेड़ लगाये जा रहा है, जिससे बंदरों को भी जंगलों में ही खाने को मिल जायेगा और आबादी की तरफ कम आयेगें’।

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यहां यह भी बताना जरूरी है कि कई किसान और ग्रामीण भी बंदरों का आबादी क्षेत्रों में आने से रोकने के लिए ठोस योजना बनाने की जरूरत जताते आ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि बंदरों को जंगलों में ही खाने को कुछ मिल जाए तो वह आबादी की ओर रुख नहीं करेंगे।

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